दक्षिण-पश्चिम मानसून आखिरकार मुंबई से विदा हो गया है, हालांकि यह अपने निर्धारित समय से एक हफ्ते की देरी से हुआ। दरअसल, मानसून की देश से पूरी तरह से वापसी हो चुकी है और अब उत्तर-पूर्व मानसून की शुरुआत हो रही है। मुंबई में अब भी हल्की से मध्यम बारिश हो रही है, जो 22 अक्टूबर तक जारी रह सकती है, इसके बाद मौसम शुष्क हो जाएगा। आने वाले सप्ताह में होने वाली यह बारिश दक्षिण प्रायद्वीपीय क्षेत्र में विस्तारित शीतकालीन मॉनसून का असर है।
दक्षिण भारत में सक्रिय मानसून की स्थिति: दक्षिण भारत में कई मौसमी कारकों के कारण इस समय सक्रिया मानसून की स्थिति बनी हुई है। बंगाल की खाड़ी के दक्षिण-पश्चिमी हिस्से में एक दबाव क्षेत्र बना हुआ है, जो पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर तमिलनाडु की ओर बढ़ रहा है। तमिलनाडु के तट के पास बना चक्रवाती परिसंचरण अब इस दबाव क्षेत्र(अवसाद) में समाहित हो गया है। एक और चक्रवाती परिसंचरण कर्नाटक तट, गोवा और आसपास के अरब सागर क्षेत्र में सक्रिय है। इन दोनों प्रणालियों को जोड़ने वाला एक पूर्व-पश्चिम शीयर जोन दक्षिण कर्नाटक, रायलसीमा, उत्तरी तमिलनाडु और बंगाल की खाड़ी से लेकर उत्तर अंडमान सागर तक फैला हुआ है। इस शीयरलाइन का अंतिम हिस्सा अंडमान सागर के ऊपर एक अन्य मानसून प्रणाली को बना सकता है।
कोकण और मुंबई में मौसमी प्रभाव: कोकण तट और मुंबई इस शीयर जोन के उत्तरी किनारे पर स्थित हैं। गोवा-कर्नाटक तट पर स्थित मौसमी प्रणाली धीरे-धीरे पश्चिम की ओर समुद्र में खिसक जाएगी, जबकि तमिलनाडु पार करने के बाद दूसरी प्रणाली दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अंदरूनी हिस्सों में शिफ्ट हो जाएगा। पूर्वोत्तर मानसून तमिलनाडु और केरल में सक्रिय रहेगा। इसके अलावा आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गोवा और कोकण तट पर भी हल्की से मध्यम बारिश गरज के साथ होगी। हालांकि, कोई चरम मौसमी गतिविधि नहीं होगी, लेकिन अगले सप्ताह तक हल्की से मध्यम बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
मौसम प्रणाली के कमजोर होने पर गतिविधियां घटेंगी: जब इन मौसमी प्रणालियों की शक्ति कम हो जाएगी, तो आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, गोवा और कोकण क्षेत्र में मौसम की गतिविधियां घटेंगी। राजस्थान क्षेत्र के ऊपर स्थित एंटीसाइक्लोन पूरे दक्षिण गुजरात और कोकण में उत्तर-पूर्वी हवाएं चलाना शुरू कर देगा। मुंबई में बारिश 23 अक्टूबर से प्रभावी रूप से समाप्त हो जाएगी और मौसम शुष्क हो जाएगा।