सूखी जमीन और खेती के लिए बारिश आने वाली है। बता दें, बारिश की भारी कमी से जूझ रहे दक्षिण भारत को आखिरकार अब कुछ राहत मिलने वाली है। 1 मार्च से 30 अप्रैल के बीच दक्षिण भारत में बारिश की 68% की भारी कमी देखी गई है। उत्तरी आंतरिक कर्नाटक के अलावा, सभी मौसम प्रभागों में या तो बारिश की कमी या भारी बारिश की कमी का अनुभव हुआ है। अंडमान में 97% और रायलसीमा में 95% भारी बारिश की कमी है, यह स्थिति विशेष रूप गंभीर है।
खत्म होगा सूखा, जल्द बारिश: हालाँकि, सूखे और बारिश की कमी में बदलाव जल्द होगा। क्योंकि, 5 या 6 मई से दक्षिण भारत के अधिकांश हिस्सों में बारिश की गतिविधियाँ शुरू होने की संभावना है। देश के मध्य भागों पर एक चक्रवाती परिसंचरण बनने की उम्मीद है, इस सिस्टम से एक ट्रफ रेखा दक्षिण की ओर तेलंगाना, रायलसीमा और दक्षिण तमिलनाडु में खत्म होगी। इशके अलावा बंगाल की खाड़ी से नमी वाली हवाएं बारिश पैदा करने वाली स्थितियों को और बढ़ाएंगी।
इन राज्यों में होगी बारिश: बारिश का लाभ सबसे पहले तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, उत्तरी आंतरिक कर्नाटक और केरल होंगे। इन क्षेत्रों में बारिश तेज होने के साथ फैलाव धीरे-धीरे बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। 7 मई से मध्यम से भारी बारिश का अनुमान है। खेती और गर्मी से राहत देने वाली बारिश 10 या 11 मई तक जारी रहने की संभावना है। जबकि लक्षद्वीप में 7 से 11 मई के बीच गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। वहीं, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में खास बारिश होने की उम्मीद नहीं है। हालांकि, छिटपुट बारिश की संभावना बनी हुई है।
नमी से फसलों को फायदा: बता दें, इस बारिश के दौर से न सिर्फ सूखी धरती को पानी मिलेगा। बल्कि दक्षिण भारत में बारिश के आंकड़ों में भी सुधार होगा। इससे भी ज्यादा जरूरी बात यह है कि बढ़ी हुई मिट्टी में नमी की मात्रा अब उगाई जाने वाली फसलों के लिए फायदेमंद साबित होगी।
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