आगामी 8-10 दिनों में उत्तरी पर्वतीय क्षेत्रों में पश्चिमी विक्षोभ तेजी से एक के बाद एक सक्रिय होंगे। इस दौरान हल्की से मध्यम बर्फबारी और बीच-बीच में भारी बर्फबारी होगी। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचे पहाड़ सफेद चादर में ढक गए हैं, जिससे बड़ी संख्या में पर्यटक वहां पहुंच रहे हैं। अभी अधिक बर्फबारी होने की संभावना है।
एक के एक पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव : वर्तमान में एक पश्चिमी विक्षोभ जम्मू-कश्मीर पर बने चक्रवाती परिसंचरण के रूप में एक्टिव है। हालांकि, इसका असर ज्यादातर पहाड़ी क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगा, जबकि मैदानी इलाकों में आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे। 4 से 6 जनवरी के बीच एक और पश्चिमी विक्षोभ, वर्तमान विक्षोभ के साथ लगभग ओवरलैप करते हुए, सक्रिय रहेगा। इसका असर वर्तमान प्रणाली से अधिक व्यापक और बड़ा होगा।
इस दिन होगी तेज बर्फबारी: नए साल में पश्चिमी विक्षोभ ने पहाड़ों को बर्फबारी से ढक दिया है। यह गतिविधि यानि बर्फबारी पहाड़ों पर अगले 10 दिनों तक बिना रुके जारी रहेगी, सिर्फ एक-दो दिनों के बीच में बर्फबारी रुक सकती है। वहीं, 4 जनवरी को आने वाले पश्चिमी विक्षोभ के कारण उत्तरी पाकिस्तान और पंजाब क्षेत्र में एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण (induced cyclonic circulation) विकसित होगा। 4 से 6 जनवरी के बीच रुक-रुक कर बर्फबारी जारी रहेगी, जिसमें 5 जनवरी को बर्फबारी तेज होगी।
कई राज्यों में सर्दी की बारिश: 7 जनवरी को एक दिन बर्फबारी रुकने के बाद 8 जनवरी को एक नया और तेज पश्चिमी विक्षोभ आएगा। यह प्रणाली(पश्चिमी विक्षोभ) मैदानी क्षेत्रों में प्रेरित परिसंचरण(induced circulation) के साथ सक्रिय होगी। इस प्रणाली का मौसम पर क्या असर होगा, इसके बारे में विस्तृत पूर्वानुमान देना अभी जल्दी होगा। हां, लेकिन यह तय है कि 10 से 12 जनवरी के बीच अगले सप्ताहांत पर मैदानी इलाकों में सर्दियों की बारिश बड़े पैमाने पर होगी। इससे पहले 5 और 6 जनवरी के बीच पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के कुछ हिस्सों में हल्की और छिटपुट बारिश होने की संभावना है।
मैदानी क्षेत्रों में बदलेगी हवा: बता दें, पहाड़ों पर मौसम गतिविधि ( बारिश, बर्फबारी और ठंडी हवाएं) बढ़ने के कारण मैदानी क्षेत्रों में हवा का पैटर्न बदल जाएगा। पहाड़ों की ढलानों पर ठंड की स्थिति कुछ समय के लिए थम जाएगी और पूरब से आने वाली हवाएं प्रभावी होंगी। इससे उत्तरी मैदानी क्षेत्रों में रात का तापमान बढ़ जाएगा। फिर भी, तापमान सिंगल डिजिट के आसपास रहेगा और कभी-कभी दो अंकों को छू भी सकता है।