पश्चिमी हिमालय जो अपने सुंदर बर्फ से ढके नजारों के लिए जाना जाता है। लेकिन, इस साल यहां बर्फ के सुंदर नजारे देखने को नहीं मिलेंगे, जिस कारण क्रिसमस निराशाजनक होने वाला है। गौरतलब है, बीते सालों में नवंबर और दिसंबर महीने में पश्चिमी विक्षोभ एक्टिव होने के कारण हिमालयी क्षेत्रों में भारी बर्फबारी होती थी। लेकिन इस बार पहाड़ियां ज्यादातर सूखी रहने वाली हैं।
प्रमुख पर्यटन स्थलों पर बर्फबारी की कमी: शिमला, कुफरी, रोहतांग पास, मनाली, कुल्लू, श्रीनगर, सिक्किम, और तवांग जैसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों पर इस बार बर्फ की सफेद चादर देखने को नहीं मिलेगी। ये स्थान जो क्रिसमस के दौरान पर्यटकों को बड़ी संख्या में आकर्षित करते हैं, लेकिन इस साल यहां बर्फबारी होने के आसार नहीं हैं। हालांकि, ऊंचाई वाले इलाकों में कुछ बर्फबारी हो सकती है।
पर्यटकों की उम्मीदों को झटका: जो पर्यटक व्हाइट क्रिसमस (White Christmas) का आनंद लेने की उम्मीद कर रहे थे, उनके लिए यह खबर निराशाजनक है। कई पर्यटक खासतौर पर बर्फ से बर्फ से ढके सुंदर दृश्यों को देखने के लिए इस समय की यात्रा की योजना बनाते हैं। हालांकि, मौसम की गतिविधियों की कमी ने पर्यटकों के उत्साह को कम कर दिया है।
27 दिसंबर से उम्मीदें: फिर भी पर्यटकों के लिए उम्मीद की एक किरण है। 27 दिसंबर को पश्चिमी हिमालय में एक नया पश्चिमी विक्षोभ के पहुंचने की संभावना है। यह विक्षोभ 27 से 29 दिसंबर के बीच व्यापक बर्फबारी ला सकता है। जिससे उन पर्यटकों को खुशी होगी, जो नए साल का जश्न पहाड़ों में मनाने की योजना बना रहे हैं।
देर से बर्फीली शुरुआत का सुखद अंत: हालांकि, देर से होने वाली बर्फबारी व्हाइट क्रिसमस के लिए अच्छी स्थिति नहीं है। लेकिन दिसंबर के अंत में बर्फबारी की संभावना ने लोगों की उम्मीदों को जिंदा रखा है। खासतौर पर उन लोगों के लिए जो सर्दियों के इस खूबसूरत मौसम में पहाड़ों के अद्भुत नज़ारों का आनंद लेने की चाहत रखते हैं। इस साल भले ही बर्फबारी देर से हो, लेकिन बर्फ से ढके पहाड़ों पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।