उत्तरी पहाड़ों के लिए बर्फ रहित सर्दियाँ, जल्द बर्फबारी की उम्मीद

January 16, 2024 3:11 PM | Skymet Weather Team
कश्मीर में बर्फरहित पहाड़

उत्तर भारत की पर्वत श्रृंखलाओं के लिए बहुत ही असामान्य लंबे समय तक शुष्क दौर रहा है। सभी पहाड़ी राज्य बर्फ की सफेद चादर के लिए संघर्ष कर रहे हैं। सर्दियों में इस समय पहाड़ों पर बर्फ के खूबसूरत दृश्य दिखना बहुत ही आम बात होती है। लेकिन, इस सीजन में ऐसे दृश्यों का इंतजार है। सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ स्पष्ट रूप से दूर रहे हैं और जो कुछ भी आता है वह केवल ऊपरी इलाकों तक ही सीमित रह जाते है। निचले और मध्य इलाकों में बर्फबारी( जो कई क्षेत्रों के लिए जीवनरेखा है) ने सभी को संकट में डाल दिया है। हालांकि, अभी उम्मीद बाकी है।

चिल्लई कलां, जो कश्मीर घाटी के लिए सबसे कठोर सर्दियों की अवधि है। बर्फ गिरने के सामान्य सत्र से चूक गई, जिससे सामान्य जीवन और प्रक्रिया पटरी से उतर गई। बर्फ नहीं गिरने से प्रमुख नदियाँ और बारहमासी जलधाराएँ सूखने के कगार पर हैं। झेलम नदी और उसकी सहायक नदियाँ सबसे निचले स्तर पर हैं, जिससे चिंता बढ़ गई है। बर्फ नहीं होने पर हिमनदीय पिंड बिना किसी महत्वपूर्ण पुनःपूर्ति के अपने भंडार का उपभोग कर रहे हैं। चिल्लई कलां हिमपात की अवधि है जो घाटी के ग्लेशियरों में वृद्धि करती है, जो बदले में शाश्वत जलाशयों को रिचार्ज( दोबारा पानी से भरना) करती है। जो गर्मियों के महीनों के दौरान नदियों, झरनों, झीलों को पानी देते हैं।

स्कीइंग जैसी साहसिक गतिविधियाँ ख़त्म होने की कगार पर हैं, क्योंकि बर्फीली ढलानें सुनसान दिखती हैं। यहां तक ​​कि बर्फ न होने के कारण खेलो इंडिया कार्यक्रम भी अनिश्चितता से घिरा हुआ है। पर्वतीय राज्यों की जीवन रेखा पर्यटन इस मौसम में अनिश्चित संभावनाओं के साथ विचित्र है। गुलमर्ग और पहलगाम जैसे लोकप्रिय रिसॉर्ट्स में लगभग 70% आगंतुकों की गिरावट आई है। मनाली, शिमला जैसे अन्य पहाड़ी आकर्षणों और उत्तराखंड में औली जैसे स्थलों के लिए दृश्य अलग नहीं है। फसलें किसी भी स्थिति में उपयुक्त जलवायु परिस्थितियों के अभाव में सूख रही हैं।

पूरे क्षेत्र में सूखे जैसी स्थिति के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं। हालाँकि,  अगले सप्ताह मौसम की स्थिति में बदलाव की संभावना है। लेकिन, अभी भविष्यवाणी करना थोड़ी जल्दबाजी होगी। हालांकि, उत्तर भारत के मैदानी और पहाड़ी दोनों इलाकों में बहुप्रतीक्षित मौसम गतिविधि के लिए परिस्थितियाँ अनुकूल होती दिख रही हैं। निम्न स्तर की विशेषताएं मौसम निर्माण के लिए काफी अनुकूल दिखाई दे रही हैं, जिन्हें ऊपरी हवा के पश्चिमी प्रवाह द्वारा समर्थित होने की आवश्यकता है। इस सप्ताह के आखिर से पहले अधिक सटीक भविष्यवाणी होगी।

फोटो क्रेडिट: ग्रेटर कश्मीर

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