मौसम पूर्वानुमान क्षेत्र की भारत की प्रमुख प्राइवेट कंपनी स्काईमेट ने 13 अप्रैल, 2021 को साल 2021 के लिए मॉनसून पूर्वानुमान जारी किया था और अब पूर्वानुमान को अपडेट कर रहा है। स्काईमेट के मुताबिक, सामान्य से 60% नीचे बारिश होने की संभावना है, मॉनसून पूर्वानुमान के अनुसार चार महीनों जून-जुलाई-अगस्त-सितंबर की औसत वर्षा 880.6 मिमी की तुलना में 2021 में 94% बारिश की संभावना है (एरर मार्जिन +/- 4%)।
इस साल दक्षिण-पश्चिम मॉनसून की शुरुआत समय से ही हुई थी और लंबी अवधि के औसत (एलपीए) के 110 प्रतिशत पर जून के अंत में अच्छी बारिश देखने को मिली। जबकि, जुलाई के महीने में 11 जुलाई तक के अंतराल तक बारिश की शुरुआत कमजोर रही। इसलिए जुलाई महीने का अंत एलपीए के 93 फीसदी पर सामान्य से कम बारिश के साथ हुआ। जून और जुलाई का स्काईमेट पूर्वानुमान क्रमशः 106% और 97% था और इसके मुकाबले जून और जुलाई में एलपीए के 110% और 93% के साथ बारिश समाप्त हुई।
मॉनसून में पहला ब्रेक जुलाई में दिखा और अगस्त के पहले पखवाड़े के दौरान भी दक्षिण-पश्चिम मॉनसून ने दूसरे 'ब्रेक मॉनसून' फेज का सामना किया। कमजोर मॉनसून की स्थिति के कारण पूरे भारत में सीजनल वर्षा की कमी अगस्त के मध्य तक 9% पर आ गई। मानसून की सामान्य से नीचे की स्थिति में अब तक सुधार नहीं हुआ है।
अगर मॉनसून के भौगोलिक प्रभाव पर नज़र डालें तो, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा, केरल और पूर्वोत्तर भारत में कम बारिश होने की संभावना है। गुजरात और पश्चिमी राजस्थान में अभी भी सूखे की संभावना बनी हुई है। हालांकि, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के वर्षा आधारित क्षेत्रों में बारिश का आंकड़ा पर्याप्त रहा है। इस हिसाब से, देश के केंद्रीय भागों में खाद्य उत्पादन पर जोर नहीं दिया जा सकता है।
स्काईमेट के प्रबंध निदेशक जतिन सिंह के अनुसार, "मानसून के कमजोर होने का कारण संभवतः हिंद महासागर में IOD के लंबे-पांच चरण और जुलाई और अगस्त में विस्तारित विराम की स्थिति है। हालांकि, IOD के उद्भव के बारे में अभी सितम्बर में कोई स्पष्ट संकेत नहीं है।
वर्तमान परिदृश्य को ध्यान में रखते हुए, स्काईमेट ने मानसून 2021 के पूर्वानुमान को संशोधित कर एलपीए का 94 प्रतिशत कर दिया है। मासिक आधार पर, मॉनसून पूर्वानुमान (+/- 4% की त्रुटि मार्जिन मानते हुए) इस प्रकार है:
अगस्त में LPA (258.2 मिमी) के मुक़ाबले 80% बारिश हो सकती है
-- 80% संभावना कम बारिश की है
-- 20% संभावना सामान्य से कम बारिश की है
सितम्बर में LPA (170.2 मिमी) के मुक़ाबले 100% बारिश हो सकती है
-- 60% संभावना सामान्य बारिश की है
-- 20% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की है
-- 20% संभावना सामान्य से कम बारिश की है
स्काइमेट के अनुसार साल 2021 में एरर मार्जिन +/- 4% मानते हुए मॉनसून वर्षा की संभावना इस प्रकार है:
-- 20% सुखाड़ की संभावना (दीर्घावधि औसत वर्षा (LPA) की तुलना में 90% कम बारिश)
-- 60% संभावना सामान्य से कम बारिश की (दीर्घावधि औसत वर्षा (LPA) का 90-95% के बीच बारिश)
-- 10% संभावना सामान्य बारिश की (दीर्घावधि औसत वर्षा (LPA) की तुलना में 96-104% के बीच बारिश)
-- 10% संभावना सामान्य से अधिक बारिश की (दीर्घावधि औसत वर्षा (LPA) की तुलना में 105-110% के बीच बारिश)
-- अत्यधिक बारिश की संभावना 0% (दीर्घावधि औसत वर्षा की तुलना में 110% अधिक बारिश )
स्काईमेट को जानिए
स्काईमेट, मौसम पूर्वानुमान और कृषि रिस्क सोल्यूशन के क्षेत्र में अग्रणी भारतीय कंपनी है। भारत की निजी क्षेत्र की एकमात्र मौसम पूर्वानुमान एजेंसी स्काइमेट की शुरुआत वर्ष 2003 में हुई और तब से स्काइमेट निरंतर भरोसेमंद और सुलभ मौसम पूर्वानुमान उपलब्ध करा रही है। स्काइमेट अपना स्वयं का न्यूमेरिक वेदर प्रेडिक्शन मॉडल रन करती है और विभिन्न माध्यमों से मौसम से जुड़ी व्यापक सेवाएँ उपलब्ध कराती है। बिजली आपूर्ति से जुड़ी कंपनियों, विभिन्न मीडिया समूहों, किसानों से जुड़ी इनोवेशन सेवाओं, कीटनाशक और उर्वरक उत्पादकों और लॉजीस्टिक्स ऑपरेटरों को मौसम पूर्वानुमान उपलब्ध कराने में इनोवेटिव विधियों का उपयोग करती है। स्काइमेट की दक्षता दीर्घावधि मॉनसून पूर्वानुमान से लेकर रिमोट सेन्सिंग और यूएवी के संचालन में भी है।