पंजाब और हरियाणा में मार्च महीने में मौसम की सामान्य स्थिति देखी गई है। इससे पहले दिसंबर और जनवरी के महीने में दोनों राज्यों में सर्दियों की बारिश गायब थी। दोनों उपमंडलों में मौसमी बारिश की बहुत कमी थी। हालांकि, फरवरी में थोड़ी राहत मिली और कई बार अच्छी बारिश का दौर आने से शुष्क मौसम की परेशानी खत्म हो गई। पश्चिमी विक्षोभ बढ़ने के कारण मार्च के पहले 15 दिनों में मौसम की स्थिति अच्छी बनी रही। लेकिन, दोनों राज्यों में भरपूर मात्रा में बारिश नहीं हुई। जिससे ऐसा लगता है कि सर्दी का मौसम उम्मीद से कही ज्यादा बढ़ गया है। कुल मिलाकर फरवरी और मार्च के महिने में हुई बारिश ने शुष्क(सूखे) मौसम से बचा लिया और जिससे किसान समुदाय को खुशी हुई।
मार्च के बाद बदलेगा मौसम: इस सप्ताह के बीच में आए पिछले पश्चिमी विक्षोभ के कारण अधिकांश हिस्सों में हल्की बारिश हुई, जिससे किसान काफी प्रसन्न हुए। एक के बाद एक पश्चिमी विक्षोभों के कारण पहाड़ों पर भारी मात्रा में बर्फबारी हुई, जिसने मैदानी इलाकों को कभी ठंडा और कभी सर्द बनाए रखा है। मार्च के संक्रमण महिने में गर्मी अभी तक नहीं आई है। पारा अक्सर एकल और दोहरे अंक न्यूनतम में घूमता रहा है।
एकल अंक में पहुंच तापमान: गौरतलब है, पिछले पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद कई स्थानों पर तापमान एकल अंक तक गिर गया है। बर्फीले पहाड़ों की ढलानों से चलने वाली ठंडी हवाएँ अभी भी सर्दी की याद दिला रही हैं। पंजाब के जालंधर, फिरोजपुर, भटिंडा और हरियाणा के करनाल, पानीपत अभी भी अपने सामान्य तापमान से काफी नीचे एकल अंक में हैं। सबसे कम तापमान जालंधर में (8.7 डिग्री सेल्सियस) दर्ज किया गया, जो कल 14 मार्च की तुलना में एक डिग्री कम है। पंजाब का माझा इलाके में भी तापमान सिंगल डिजिट के कगार पर रहा। अमृतसर और पठानकोट में न्यूनतम तापमान क्रमश: 10.1°C और 10.6°C दर्ज किया गया।
तापमान में होगा बदलाव: अगले 3 दिनों में उत्तर भारत के पहाड़ों और मैदानी इलाकों में कोई खास मौसमी गतिविधि होने की संभावना नहीं है। अगला सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 20 मार्च को आएगा, जो काफी हद तक पहाड़ियों तक ही सीमित रहेगा। मौसम बदलने के कारण तापमान बढ़ेगा। अगले एक सप्ताह में न्यूनतम तापमान में लगभग 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि होने की संभावना है। जो कुछ स्थानों पर ज्यादा से ज्यादा 13°C के न्यूनतम तापमान को छू सकता है। वहीं, अधिकतम तापमान को 30°C के निशान को पार करना मुश्किल होगा। हालाँकि, पंजाब के मालवा क्षेत्र और हरियाणा के दक्षिणी और पश्चिमी हिस्सों में पारा 20 डिग्री तक बढ़ जाएगा। अगले एक सप्ताह तक बारिश की संभावना नहीं है। ऊंचे और मध्यम बादल बीच-बीच में आते रहेंगे, जिससे धूप नहीं निकलेगी। कुल मिलाकर सुखद वसंत ऋतु की स्थिति बनी रहेगी और तापमान आरामदायक सीमा में बना रहेगा।