उत्तर भारत के मैदानों और पहाड़ियों पर एक साथ खराब मौसम की मार पड़ने वाली है। पहाड़ों पर मध्यम से भारी बारिश, बर्फबारी और मैदानी इलाकों में तूफान जल्द ही अपना असर दिखाएगा। बता दें, आने वाले सप्ताहांत में भारी बारिश हो सकती है।जिससे बैसाखी का त्यौहार बौछारों के बीच मनाया जाएगा। तेज़ हवाएँ चलेंगी, जिससे देर रात और सुबह के दौरान ठंड का एहसास होगा। वहीं, मौसम की गतिविधियाँ सप्ताहांत से आगे तक बढ़ सकती है, जिसमें मैदानी इलाकों के लिए यह एक दिन और पहाड़ी इलाकों में मंगलवार 16 अप्रैल तक बढ़ सकती है।
हिमाचल में गिरेगे ओले: 10,000 फीट से अधिक ऊंचाई वाले स्थानों पर मध्यम से भारी बर्फबारी और निचले व मध्य इलाकों में गरज के साथ भारी बारिश होने की संभावना है। 13 और 14 अप्रैल को पहाड़ों पर चरम गतिविधि( भारी बारिश, बर्फबारी, तेज हवाएं, तूफान) की उम्मीद है। जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में इसी क्रम में तीव्रता बदलती और घटती रहेगी। वहीं, 14 अप्रैल को पहाड़ों पर तूफानी मौसम की स्थिति के साथ ओलावृष्टि भी हो सकती है, खासकर हिमाचल प्रदेश में।
तीन राज्यों में भयंकर बारिश और ओले: मौसमी गतिविधि का फैलाव मैदानी इलाकों राजस्थान, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली के बड़े हिस्से को कवर करेगा। पश्चिम और दक्षिण-पश्चिम यूपी और उत्तरी मध्यप्रदेश के कुछ हिस्सों में 13 से 15 अप्रैल के बीच छिटपुट गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी। पंजाब, हरियाणा, राजस्थान में तेज़ गड़गड़ाहट और तेज़ चमकती बिजली गिरने की संभावना है। इन तीन राज्यों की तलहटी और निकटवर्ती भागों में मौसमी गतिविधि के साथ तेज़-तेज़ हवाएँ और तेज़ अंधड़ वाली बारिश भी होगी, साथ ही ओलावृष्टि की भी काफी संभावना है।
बारिश से गर्मी पर कंट्रोल: पहाड़ों पर पश्चिमी विक्षोभ और मैदानी इलाकों पर परिसंचरण के संयुक्त प्रभाव के कारण पहले व्यापक प्रसार वाली प्री-मानसून गतिविधि शुरू हो जाएगी। लंबे समय तक चलने वाले बारिश के बाद एक और भी दौर हो सकती है, जो अगले सप्ताह के आखिर में आएगा। दूसरे दौर में मौसमी गतिविधि का पैमाना और परिमाण 13 से 15 अप्रैल के बीच होने वाली बारिश के समान या उससे भी बड़ा हो सकता है। इस बैक-टू-बैक मौसमी गतिविधि से उत्तर भारत में गर्मी पर कंट्रोल रहेगा। उत्तरी मैदानी इलाके अप्रैल के दौरान गर्मी की लहर के प्रकोप से बच सकते हैं। लेकिन, मई महीने में गर्मी की लहर के लिए तैयार रहना होगा।