दक्षिण-पश्चिम मानसून की विदाई तेज़ी से हो रही है, जिससे भारतीय समुद्रों के किनारों पर चक्रवात बनने की स्थितियाँ अनुकूल बन रही हैं। आमतौर पर अरब सागर आगे बढ़ता है और उसके बाद बंगाल की खाड़ी का नंबर आता है। पिछले साल अक्टूबर में समुद्र तट के दोनों ओर एक-एक चक्रवात बने थे। इनमें से एक बहुत ही गंभीर चक्रवात तेज़ 20 से 24 अक्टूबर 2023 के बीच अरब सागर में विकसित हुआ था। वहीं, दूसरा गंभीर चक्रवात हैमून 21 से 25 अक्टूबर 2023 के बीच बंगाल की खाड़ी में बना था। जबकि, चक्रवात तेज यमन की ओर बढ़ गया था और चक्रवात हैमून ने बांग्लादेश के कोक्स बाजार में तबाही मचाई थी।
अरब सागर में चक्रवात की स्थिति: वर्तमान में अरब सागर में मानसून के बाद तूफान आने की संभावना के शुरुआती संकेत हैं। दक्षिणपूर्व अरब सागर और लक्षद्वीप क्षेत्र पर एक चक्रवाती हवाओं ( साइक्लोनिक सर्कुलेशन) का क्षेत्र बना हुआ है। यह आने वाले चक्रवात का पूर्व संकेत है, जो मानसून सीजन के बाद 2024 का पहला तूफान है। यह परिसंचरण संगठित हो जाएगा और उसी क्षेत्र में 10-11 अक्टूबर के आसपास कम दबाव के क्षेत्र के रूप में प्रमुखता से उभरेगा। यह मौसम प्रणाली 12 अक्टूबर यानि लगभग 4 दिनों तक समुद्र के इस हिस्से पर घूमती रहेगी। इसके बाद परिसंचरण के तेज होकर गहरे समुद्र की ओर बढ़ने की उम्मीद है।
तूफान के बारे में सटीक जानकारी का आभाव: संभावित तूफ़ान के बारे में कोई भी प्रामाणिक जानकारी पहले से देना थोड़ा जल्दबाजी होगी। बता दें, मौसम मॉडल की सटीकता 4-5 दिनों के बाद कम हो जाती है। चक्रवात जब समुद्र में मजबूती से उभरते हैं, तो उनकी समयसीमा, ट्रैक और तीव्रता को पार करना आम है। अरब सागर अक्सर बंगाल की खाड़ी की तुलना में अधिक अस्थिर रहता है। अक्सर, मानसून के बाद अरब सागर के तूफान ओमान, यमन और सोमाली तट की ओर बढ़ते हैं। लेकिन उनकी दिशा बदलने और गुजरात की ओर जाने की संभावनाएं भी नकारी नहीं जा सकती हैं। मौसम प्रणाली (सिस्टम) को पर 72 घंटों तक नज़र रखने के बाद ही अधिक स्पष्टता और सटीकता से भविष्यवाणी की जा सकेगी। यदि तूफान बनता है, तो इसका नाम 'डाना' रखा जाएगा, जैसा कि कतर ने सुझाया है।