उष्णकटिबंधीय तूफ़ान 'दाना' आज तड़के एक भीषण चक्रवाती तूफ़ान में तब्दील हो गया है। यह प्रणाली पारादीप से लगभग 260 किमी दक्षिणपूर्व में केंद्रित है, जहाँ मौसम का ट्रैकिंग रडार भी स्थित है। तूफान लगभग 12 किमी/घंटा की गति के साथ लगातार उत्तर पश्चिम की ओर बढ़ रहा है। जैसे-जैसे यह समुद्र तट के करीब आएगा यह उत्तर-उत्तर-पश्चिम की ओर अधिक बढ़ सकता है। यह तूफान अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में है जिससे यह अपनी ताकत को बनाए रख सकता है। यह बहुत भयंकर तूफ़ान का सीमावर्ती मामला भी बन सकता है। यह तूफान अनुकूल पर्यावरणीय परिस्थितियों में है जिससे यह अपनी ताकत को बनाए रख सकता है। ऊपरी क्षोभमंडल स्तरों में लगातार और तेज़ पूर्वी हवाएँ इस प्रणाली को तीव्र रुप से विकसित होने से रोकेगी।
तूफान की गति और तटरेखा पर प्रभाव: तूफान की दिशा को नियंत्रित करने वाली धाराएँ काफी मजबूत हैं जिससे तूफान मध्यम गति से आगे बढ़ रहा है। तूफान का बाहरी क्षेत्र पहले ही ओडिशा और पश्चिम बंगाल की तटरेखा तक पहुंच चुका है। कोलकाता और भुवनेश्वर में पिछले कुछ घंटों से बारिश हो रही है। इन दोनों राज्यों के तटीय इलाकों में तेज हवाएँ चलेंगी और दिन के साथ-साथ बारिश की तीव्रता भी बढ़ती जाएगी।
संभावित स्थल पर तूफान का टकराव: तूफान के ओडिशा के दोनों तटीय स्टेशनों पारादीप और बालासोर के बीच कहीं टकराने की संभावना है। इस क्षेत्र में भी तूफान के लिए सबसे पसंदीदा स्थान भद्रक जिले में धामरा बंदरगाह के पास होगा। है। इसी स्थान पर 2021 में प्री-मॉनसून सीजन में (23 से 28 मई 2021) 'यास' नाम का तूफान टकराया था। हालाँकि, पुरी (ओडिशा) से दीघा-कोंताई (पश्चिम बंगाल) के बीच समुद्र तटरेखा को इस चक्रवात से निपटने के लिए तैयार करने की आवश्यकता है।
तूफान की ताकत में कमी का कारण: जैसे ही तूफान तट के करीब पहुंचेगा, भूमि के संपर्क में आने से इसका तीव्रता बढ़ने का क्रम उल्टा हो जाएगा। ऊबड़-खाबड़ इलाके, अधिक घर्षण और सूखी हवा का प्रवेश तूफान को जमीन से टकराने से पहले कमजोर कर देगा। हालांकि, यह स्थिति किसी भी प्रकार की सुरक्षा को कम करने का मौका नहीं देती है, क्योंकि जब तूफान जमीन से टकराने के करीब होता है। तब उसकी अनिश्चितता और पूर्वानुमान की संभावना सबसे कम होती है। तूफान का टकराव आज देर रात से लेकर कल सुबह के शुरुआती घंटों के बीच कभी भी हो सकता है। ओडिशा की तटरेखा में जिस क्षेत्र में टकराव की संभावना है, वहाँ ऊबड़-खाबड़ भूभाग है, इसलिए सटीक समय का अनुमान लगाते समय त्रुटि का मार्जिन रखा जाना चाहिए।