21 दिसंबर को श्रीनगर में रिकॉर्डतोड़ ठंड देखी गई, जब न्यूनतम तापमान गिरकर माइनस 8.5°C तक पहुंच गया। यह सामान्य से 6°C कम था। पिछले 50 सालों में यह श्रीनगर का सबसे ठंडा न्यूनतम तापमान था। हालांकि, अब तक का सबसे ठंडा तापमान माइनस 12.8°C दर्ज किया गया था, जो 13 दिसंबर 1934 को हुआ था।
पश्चिमी विक्षोभ से थोड़ी राहत: एक नए पश्चिमी विक्षोभ के आगमन ने थोड़ी राहत दी, जिससे न्यूनतम तापमान बढ़कर माइनस 3.6°C तक पहुंच गया। हालांकि, अधिकतम तापमान 6.6°C पर ही रहा। यह एक सामान्य पैटर्न है क्योंकि पश्चिमी विक्षोभ अक्सर पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में न्यूनतम तापमान में अस्थायी वृद्धि करते हैं।
पश्चिमी विक्षोभ के बाद तापमान में गिरावट: पश्चिमी विक्षोभ के गुजरने के बाद तापमान में आमतौर पर तेज गिरावट होती है, जिससे कड़ाके की ठंड की स्थिति बन जाती है। मौसम की ऐसी ही स्थिति 21 दिसंबर को देखी गई ।
आने वाले पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव: वर्तमान पश्चिमी विक्षोभ से पश्चिमी हिमालय की पहाड़ियों में बारिश और बर्फबारी होने की संभावना है। 27 दिसंबर से 29 दिसंबर तक एक और पश्चिमी विक्षोभ सक्रिय हो सकता है।जिसके कारण 25 दिसंबर से तापमान में फिर से गिरावट आ सकती है और 27 दिसंबर से तापमान बढ़ने की उम्मीद है।
हिमालय में बर्फबारी क्यो जरूरी: पश्चिमी हिमालय क्षेत्र के लिए बर्फबारी बहुत जरूरी है क्योंकि यह पहाड़ों और ग्लेशियरों की बर्फ की परत को फिर से भरती है। भरपूर बर्फबारी नहीं होने पर ग्लेशियरों से निकलने वाली नदियों के सूखने का खतरा होता है, जिससे जल आपूर्ति और पारिस्थितिक संतुलन(ecological balance) पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।