राजस्थान राज्य में अगस्त के शुरुआती सप्ताह में भरपूर मानसूनी बारिश हुई है। पूर्वी राजस्थान में पश्चिमी राजस्थान में ज्यादा बारिश हुई है। राजस्थान में अब तक मानसून सीजन में 32 फीसदी से ज्यादा बारिश हो चुकी है। 1 जून से 31 जुलाई 2024 के बीच पश्चिमी राजस्थान में कुल बारिश -6% थी, जबकि पूर्वी राजस्थान में यह आंकड़ा +1% था। इसका मतलब है कि पश्चिमी राजस्थान में इस अवधि में सामान्य से 6% कम बारिश हुई थी, जिसे नकारात्मक प्रतिशत (-6%) के रूप में दर्शाया गया है। दूसरी ओर, पूर्वी राजस्थान में इस अवधि के दौरान सामान्य से 1% अधिक बारिश हुई, जिसे सकारात्मक प्रतिशत (+1%) के रूप में दर्शाया गया है। इसका मतलब है कि पूर्वी राजस्थान में औसत के मुकाबले थोड़ी अधिक बारिश हुई थी।
पूर्वी राजस्थान में भारी बारिश: 01 से 05 अगस्त के बीच राजस्थान के सभी हिस्सों में भारी मानसूनी बारिश हुई थी। लेकिन, यह बारिश एक ही समय पर नहीं हुई। अलग-अलग दिनों और स्थानों पर बारिश होने के कारण इसे "क्रमिक" या "स्टैगरड" (staggered) कहा जाता है। इस अवधि में हुई बारिश के कारण दोनों उप-विभागों में सामान्य से अधिक बारिश हुई है। पश्चिमी राजस्थान में 38% अधिक बारिश दर्ज की गई, जबकि पूर्वी राजस्थान में यह आंकड़ा थोड़ा कम होकर 28% रहा। इस सप्ताह में और अधिक मानसूनी बारिश की संभावना है। खासकर पूर्वी राजस्थान में भारी और तीव्र बारिश का दौर आने वाला है।
मानसूनी प्रणाली का असर: देश के पूर्वी हिस्सों में पहले बना एक दबाव पिछले सप्ताहांत में पूर्वी राजस्थान तक पहुँच गया था। इस प्रणाली ने मानसून ट्रफ को भी दक्षिण की ओर खींच लिया, जो राजस्थान के उत्तरी आधे हिस्से को काटती हुई चली गई। इन दोनों प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव से राजस्थान में इस सीजना कासबसे भारी मानसूनी असर देखा गया। अब निम्न दबाव क्षेत्र कमजोर हो गया है और इसका बचा हुआ प्रसार भी जल्दी खत्म हो जाएगा। लेकिन, पूर्व-पश्चिम दिशा में फैली हुई लंबी मानसूनी ट्रफ पास ही बनी रहेगी। राजस्थान में मानसून गतिविधि को बढ़ाने के लिए इस प्रणाली में कुछ इन-सीटू सर्कुलेशन भी शामिल है।
सक्रिय मानसूनी स्थिति और आगामी बारिश: राजस्थान में 08 अगस्त से लेकर अगले सप्ताह की शुरुआत तक में सक्रिय मानसून की स्थिति बनी रहेगी। राज्य के कुछ दूर के पश्चिमी छोटे हिस्सों को छोड़कर अधिकांश भागों में 08 से 10 अगस्त के बीच मध्यम बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी। पूर्वी और पूर्वोत्तर राजस्थान में सप्ताह के अंत में बारिश की तीव्रता और प्रसार बढ़ जाएगा। वहीं, 11 से 13 अगस्त के बीच छिटपुट भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
इन इलाकों में भारी बारिश का खतरा: बहुत भारी बारिश के खतरे वाले इलाकों में राजस्थान की राजधानी जयपुर, अजमेर, दौसा, टोंक, भीलवाड़ा, बूंदी, सीकर, नागौर, पाली और जोधपुर शामिल हैं। इस अवधि के दौरान बाकी हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश होने की उम्मीद है। अगस्त 2024 के पहले भाग (शुरुआती 15 दिन) के दौरान राजस्थान में मानसूनी बारिश ज्यादा होने के आंकड़े बढ़ सकते हैं।
फोटो क्रेडिट: आजतक