पूर्वोत्तर भारत में बारिश का दौर, कुछ स्थानों पर होगी भारी वर्षा

February 20, 2024 7:20 PM | Skymet Weather Team

पूर्वोत्तर भारत में इस मौसम में शीतकालीन वर्षा की काफी कमी रही है। देश के अन्य हिस्सों की तरह यहां भी जनवरी का महीना सबसे ख़राब था,  इस दौरान बहुत कम बारिश हुई। अभी स्थितियां थोड़ी बेहतर हुई हैं। हालांकि, अभी भी सीजन की कमी 50-70% की सीमा में बनी हुई है। जिसमें सबसे ज्यादा मेघालय, असम, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा प्रभावित हुआ है। अरुणाचल और नागालैंड में एक शेड हालात बेहतर है। अब इस क्षेत्र में जल्द ही बारिश होने की संभावना है, जो केवल 2-3 दिनों के लिए होगी।

कम प्रणालियों के कारण बारिश नहीं: पश्चिमी विक्षोभ अपने आप में प्रभावी ढंग से पूर्वोत्तर भारत तक नहीं पहुंच पाता है। पश्चिमी हिमालय से लेकर पूर्वोत्तर सीमांत क्षेत्र तक, भू-भाग के कारण मौसम प्रणालियाँ विकृत और विरूपित हो जाती हैं। इस कारण घाटी और पहाड़ों पर भी सीमित वर्षा होती है। किसी भी अच्छी गतिविधि के लिए इन कमजोर मौसम प्रणालियों को बंगाल की खाड़ी से नमी के साथ मजबूत करने की आवश्यकता है।

इस प्रणाली के कारण हो सकती है बारिश: कभी-कभी मध्य भागों और पूर्वी तटरेखा पर मौसमी प्रतिचक्रवात उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी की तकफ चला जाता है। जो पूर्वोत्तर भागों में नमी पंप करने के लिए आदर्श बन जाता है। ऐसी स्थिति के साथ असम और अरुणाचल पर पश्चिमी विक्षोभ के अवशेष (यदि कोई हो) के साथ मिलकर सभी हिस्सों अच्छी शीतकालीन बारिश हो सकती है। यहां तक ​​कि  बांग्लादेश में भी ऐसी परिस्थितियों में सर्दियों का मौसम ठीक-ठाक रहता है।

गरज के साथ बारिश की संभावना: सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के कारण पिछले 2 दिनों में उत्तरी पहाड़ों पर भारी बर्फबारी हुई है। मौसम प्रणाली अब कमजोर होकर पूर्व की ओर बढ़ रही है। लगभग 48 घंटों के बाद अन्य परिस्थितियाँ अनुकूल होने पर  पूर्वोत्तर भारत में बारिश का दौर शुरू हो जाएगा। बंगाल की उत्तर-पश्चिमी खाड़ी पर प्रतिचक्रवात इस क्षेत्र में नमी युक्त दक्षिण-पश्चिमी हवाओं को बढ़ावा देने के लिए आदर्श स्थिति में है। पश्चिमी विक्षोभ और प्रतिचक्रवात के संयुक्त प्रभाव के तहत से अधिकांश राज्यों में काफी व्यापक बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।

कल से होगी बारिश: मौसम की गतिविधि 21 फरवरी से शुरू होगी और 23 फरवरी तक 3 दिनों तक चलेगी। 24 फरवरी को भी इसका शेष असर देखने को मिलेगा। 22 फरवरी को चरम तीव्रता और प्रसार का अनुमान है। असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश के कुछ स्थानों पर मध्यम से भारी वर्षा होगी। मौसम की अधिकांश गतिविधियाँ रात और सुबह के समय होंगी। 25 फरवरी से व्यापक मंजूरी की उम्मीद की जा सकती है।

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