मॉनसून खत्म होने के बाद सर्दियों के सीजन में अब तक देश के लगभग सभी भागों में सामान्य से काफी कम बारिश हुई है। इस बीच मौसमी सिस्टम संकेत कर रहे हैं कि अगले कुछ दिनों के दौरान देश के ज्यादातर राज्यों में वर्षा होने के लिए स्थितियां अनुकूल बन गई हैं। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार अगले कुछ दिनों के दौरान भारत के अधिकांश भागों में अच्छी वर्षा दर्ज की जा सकती है।
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11 फरवरी से 14 फरवरी के बीच उत्तर भारत में कश्मीर से लेकर मध्य भारत में मध्य प्रदेश और पूर्व में बिहार तक वर्षा, हिमपात, ओलावृष्टि देखने को मिलेगी। तेज हवाएं भी इस दौरान चल सकती हैं। उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास एक पश्चिमी विक्षोभ पहुंचने वाला है यह सिस्टम पिछले कई सिस्टमों के मुकाबले काफी अधिक सक्रिय है। इसके प्रभाव से एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हो गया है, जो इस समय दक्षिणी राजस्थान और इससे गुजरात की ऊपर दिखाई दे रहा है।
इन दोनों सिस्टमों के प्रभाव से उत्तर पश्चिम भारत में अधिकांश जगहों पर गरज के साथ वर्षा दर्ज की जा सकती है। पश्चिमी विक्षोभ आज शाम से जम्मू कश्मीर को प्रभावित करना शुरू कर देगा। धीरे-धीरे यह सिस्टम और प्रभावी होंगे और बारिश का दायरा तथा तीव्रता दोनों बढ़ जाएगी। 11 फरवरी को जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में कई जगहों पर हल्की से मध्यम बारिश या बर्फबारी हो सकती है। तीनों पर्वतीय राज्यों में 12फरवरी को बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां सबसे अधिक होंगी। इस दौरान कश्मीर और हिमाचल के ऊंचे पर्वतीय क्षेत्रों में हिमस्खलन की भी आशंका है।
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इधर राजस्थान पर बने चक्रवाती सिस्टम के प्रभाव से मैदानी क्षेत्र में मौसम में हलचल बढ़ जाएगी। हवाओं का रुख बदलेगा और राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, दिल्ली तथा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में 10 फरवरी की शाम या रात से बादलों का प्रभाव बढ़ता हुआ दिखाई देगा। इन भागों में 11 और 12 फरवरी को कई जगहों पर गरज के साथ वर्षा रिकॉर्ड की जा सकती है। यही नहीं यह सिस्टम अरब सागर से आर्द्र हवाएं आकर्षित करेंगे जिससे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और रायलसीमा तक मौसम में बदलाव दिखाई देगा।
इस बीच ओडिशा और पश्चिम बंगाल पर एक विपरीत चक्रवाती क्षेत्र हवाओं में बन गया है। इसके चलते बंगाल की खाड़ी से छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में हवाएँ आएंगी पहुंचेगी। देश के मध्य और पूर्वी राज्यों के ऊपर इन दोनों विपरीत दिशा की हवाओं के टकराने से घने बादल विकसित हो सकते हैं। जिससे मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना,रायलसीमा, छत्तीसगढ़, झारखंड, बिहार और पूर्वी उत्तर प्रदेश में 10 से 12 फरवरी के बीच अधिकतम स्थानों पर गरज के साथ वर्षा होगी। बारिश 12 फरवरी को अपने चरम पर हो सकती है।
महाराष्ट्र में कुछ स्थानों पर ओलावृष्टि की संभावना से इनकार नहीं कर सकते। प्रमुख शहरों का मौसम देखें तो दिल्ली, चंडीगढ़, लखनऊ, आगरा, इंदौर, जयपुर, पटना और रांची में अगले कुछ दिनों के दौरान वर्षा देखने को मिलेगी। दक्षिण भारत के पास कर्नाटक और केरल के तटों पर एक ट्रफ रेखा सक्रिय है। इसके चलते केरल, कर्नाटक और आंतरिक तमिलनाडु में भी बारिश हो सकती है। मौसम विशेषज्ञों के अनुसार उत्तर से लेकर दक्षिण तक के सभी सिस्टम एक दूसरे को सशक्त करेंगे जिससे अधिकतर इलाकों में मौसमी हलचल संभावित है।
इस दौरान यह मौसमी सिस्टम जिन राज्यों को प्रभावित करेंगे उनमें शामिल हैं गुजरात तटीय महाराष्ट्र तमिलनाडु तथा पूर्वोत्तर राज्य। इन भागों में बारिश फिलहाल अपेक्षित नहीं है।
Image credit: Entertales.com
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