पंजाब, हरियाणा समेत दिल्ली-एनसीआर के कुछ हिस्सों में पिछले 24 घंटों के दौरान गरज के साथ हल्की बारिश की गतिविधियां दर्ज हुई। ये बारिश की गतिविधियाँ राजस्थान के पश्चिमी भागों में बने चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र के कारण हुई। इसके अलावा इस सिस्टम के प्रभाव से उत्तर प्रदेश के उत्तरपश्चिमी हिस्से तक एक ट्रफ रेखा का भी विस्तार हो रहा है।
इस मौसम प्रणाली का प्रभाव उत्तरी दिल्ली के हिस्सों में ज्यादा दिखा। सफदरजंग में एक दो जगहों पर हल्की बारिश दर्ज की गई। जबकि दिल्ली के अधिकांश क्षेत्र में मौसम शुष्क बना रहा। हालांकि, दोपहर के समय यहां आसमान में बादल छाए रहे।
पंजाब, हरियाणा,पटियाला, लुधियाना, अंबाला और पंचकुला में कुछ जगहों पर गरज के साथ छुटपुट बारिश की गतिविधियाँ देखने को मिलीं। वहीं इस बारिश के कारण पंजाब और हरियाणा के क्षेत्रों में प्रदूषण स्तर में भी कमी देखी गई है।
उत्तर-पश्चिमी हवाएँ जो पंजाब और हरियाणा से आ रही थीं, उन्हीं हवाओं के वजह से प्रदुषण स्तर में कमी आयी है। प्रदुषण का ये स्तर पहले मध्यम से ख़राब श्रेणी में बना हुआ था और कुछ स्थानों पर तो खतरनाक स्थिति में भी दर्ज किया जा रहा था। अब यह पंजाब और हरियाणा से आने वाली उत्तर पश्चिमी हवाओं की वजह से अधिकांश स्थानों पर मध्यम श्रेणी में आ गया है। जिसके बाद दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम समेत ग्रेटर नोएडा, फरीदाबाद और गाजियाबाद का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 156 के करीब रिकॉर्ड किया गया है।
स्काईमेट के मुताबिक़ दिल्ली के न्यूनतम तापमान में और वृद्धि हो सकती है। वैसे पिछले 24 घंटों में तापमान दो से तीन डिग्री बढ़ चुके हैं। अब सर्दियां विदाई लेती दिख रही हैं और धीरे-धीरे ये मौसम गर्मी के सीजन की ओर बढ़ रहा है।
एक और पश्चिमी विक्षोभ 11 मार्च तक पश्चिमी हिमालय के करीब पहुंच जाएगा और इससे प्रभावित चक्रवाती हवाओं के क्षेत्र से उत्तरी मैदानी इलाकों में बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती हैं । इसी प्रकार, दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में गरज और तेज़ हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। इस दौरान वर्टीकल क्लाउड विकसित नहीं होने की वजह से ओलावृष्टि की कोई उम्मीद नहीं है। हालांकि, पंजाब और हरियाणा में कुछ जगहों पर ओलावृष्टि दिख सकती है।
अगर दिल्ली प्रदुषण की बात करें तो अगले 24-36 घंटों के दौरान यहां प्रदूषण के स्तर में मामूली वृद्धि की संभावना है। जिसके बाद फिर इन बारिशों के आने पर, प्रदूषण का स्तर संतोषजनक से मध्यम श्रेणी तक हो जाने की उम्मीद है।
Image credit : India Today
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