उत्तर भारत भीषण गर्मी की चपेट में है, चिलचिलाती तापमान और शुष्क हवाओं ने निवासियों के लिए जीवन कठिन बना दिया है। लेकिन, अच्छी खबर यह है कि 18 जून से बारिश से राहत मिलने की उम्मीद है।
लू ने पंजाब, हरियाणा, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों को प्रभावित किया है। साफ़ आसमान और शुष्क पछुआ हवाएं लगातार तापमान को बढ़ा रही हैं। लेकिन, 18 जून से उत्तर-पश्चिम भारत में एक नया पश्चिमी विक्षोभ आने वाला है, जिससे थोड़ी उम्मीद है। इसके अलावा उत्तराखंड से उत्तर-पूर्व उत्तर प्रदेश तक बनी एख ट्रफ रेखा के कारण बारिश की स्थिति बनने के आसार हैं।
अच्छी खबर यह है कि 18 जून की शाम से ही पंजाब के पश्चिमी हिस्सों में छिटपुट बारिश शुरू होने की संभावना है। इसके बाद 19 जून से पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी और उत्तर-पश्चिमी उत्तर प्रदेश में बहुत भारी बारिश होगी। भारी बारिश 22 जून तक जारी रहने की उम्मीद है। इस दौरान उत्तर पश्चिमी राजस्थान में छिटपुट बारिश और धूल भरी आंधी चल सकती है। हालांकि, दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में उतनी बारिश नहीं होने की संभावना है। फिर भी निवासी 20 जून को गरज के साथ कुछ हल्की बारिश की उम्मीद कर सकते हैं।
लेकिन, यहां ध्यान रखना बहुत जरूरी है कि आने वाली बारिश मानसूनी बारिश नहीं है। फिर भी इस बारिश से पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश में पड़ रही चिलचिलाती गर्मी से काफी राहत मिलेगी। उम्मीद है कि 22 जून तक मानसून पूर्वी उत्तर प्रदेश में अपनी उपस्थिति दर्ज करा देगा। वहीं, दिल्लीवासियों को थोड़ा और इंतजार करना होगा। क्योंकि 27 जून के आसपास मानसून की शुरुआत होने की संभावना है, जिसमें दो दिन की त्रुटि(दो दिन बाद या पहले) की संभावना भी हो सकती है।
हालांकि, अभी मानसून की बारिश का इंतजार जारी है। फिर भी उत्तर भारत के निवासी प्री-मानसून बारिश की बौछारों से राहत की सांस ले सकते हैं। यह बारिश भीषण गर्मी में बहुत जरूरी ब्रेक लगाएगी। वहीं, यह भी उम्मीद है कि लगातर चलने वाली गर्मी की लहर के खत्म होने का संकेत देगी।