उत्तर भारत के मैदानी शहरों में लंबे समय बाद बारिश के लिए संयोग बन रहा है। पर्वतीय इलाकों में जहां 7 से लेकर 11 दिसंबर के बीच काफी अच्छी वर्षा होने की संभावना है वहीं मैदानी इलाकों में कुछ स्थानों पर बारिश की गतिविधियां 11 दिसम्बर को भी देखने को मिल सकती है।
इस समय एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत की तरफ आ रहा है। इसका प्रभाव पर्वतीय क्षेत्रों में 7 दिसंबर से ही दिखाई देने लगेगा जबकि मैदानी क्षेत्रों में थोड़ा इंतजार करना पड़ेगा।
पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से राजस्थान और इसे सटे पंजाब, हरियाणा तथा आसपास के क्षेत्रों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होगा। इन दोनों सिस्टमों के प्रभाव से अगले चार-पांच दिनों के दौरान दिल्ली समेत उत्तर भारत के तमाम मैदानी शहरों में न्यूनतम तापमान बढ़ जाएगा जबकि दिन के तापमान में कुछ गिरावट आने की संभावना है क्योंकि दिन में कुछ इलाकों में अगले चार-पांच दिनों तक आंशिक बादल छाए रहेंगे और धुंध भी रहेगी जिसके कारण धूप का प्रभाव कम रहेगा।
पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, दिल्ली एनसीआर और राजस्थान के उत्तर तथा पूर्वी क्षेत्रों में बारिश का इंतजार खत्म होगा 11 दिसंबर को, जब इन भागों में बारिश देखने को मिलेगी।
स्काईमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार दिल्ली एनसीआर के साथ-साथ चंडीगढ़, पंचकूला, अंबाला, करनाल, कुरुक्षेत्र, यमुनानगर, पानीपत, सोनीपत, सिरसा, हिसार, रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, पलवल, फरीदाबाद, आगरा, मेरठ, अलीगढ़, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मुरादाबाद, तथा राजस्थान में जयपुर, भरतपुर, अलवर, चुरू, झुंझुनू, दौसा, करौली और पंजाब में लुधियाना, पटियाला, शहीद भगत सिंह नगर, जालंधर, पठानकोट, अमृतसर समेत कई शहरों में 11 दिसंबर को गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश की गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। वहीं पर्वतीय क्षेत्रों में जम्मू कश्मीर से लेकर हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और गिलगित, बालटिस्तान समेत लद्दाख तथा उत्तराखंड में भी तीन-चार दिनों के दौरान बारिश का मौसम रहेगा। इस अवधि में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में हल्की से मध्यम कुछ स्थानों पर भारी वर्षा की गतिविधियां हो सकती हैं।
ऊंचे पहाड़ी क्षेत्रों में भारी हिमपात होने की भी संभावना है। इस दौरान गुलमर्ग, पहलगाम, कुलगाम, श्रीनगर, जम्मू, उधमपुर समेत कई जगहों पर अच्छी वर्षा के आसार हैं। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में भारी बर्फबारी 7 से 9 दिसंबर के बीच देखने को मिल सकती है, जिससे इन भागों में कई रास्ते बंद हो सकते हैं और सामान्य जनजीवन प्रभावित हो सकता है। कुछ इलाकों में भूस्खलन और हिमस्खलन की भी आशंका इस दौरान रहेगी। 10 और 11 दिसंबर के बाद जब पश्चिमी विक्षोभ और चक्रवाती सिस्टम आगे निकल जाएंगे उसके बाद ठंडी उत्तर पश्चिमी हवाएं चलनी शुरू होंगी और उत्तर भारत के मैदानी शहरों में भीषण सर्दी एक बार फिर से अपना असली रंग दिखाएगी।