भारत के पूर्वोत्तर भागों में मई की शुरुआत से ही मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली है। जिसके कारण त्रिपुरा के उत्तरी भागों में जूरी और काकती नदियां उफान पर हैं। इसके अलावा अधिकांश जगहों पर अचानक बाढ़ जैसी स्थिति बन गयी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पूर्वोत्तर राज्यों में आने वाले दिनों में विशेष मौसमी सिस्टमों के बनने के कारण अधिक बारिश होने की संभावना है। इन मौसमी हलचलों का कारण असम, मेघालय या पूर्वी बांग्लादेश और इससे सटे हुए भागों पर बना हुआ एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र है। इसके अतिरिक्त बंगाल की खाड़ी से आ रहीं आर्द्र हवाएं इन क्षेत्रों में नमी को बढ़ा सकती हैं। जोकि बारिश के लिए अनुकूल है।
यह मौसमी सिस्टम अगले एक हफ्ते तक बने रह सकते हैं, जिसके कारण बारिश में कोई कमी देखने को नहीं मिलेगी। हालांकि अलग-अलग राज्यों में बारिश की तीव्रता में बदलाव देखने को मिल सकता है।
आने वाले हफ्ते के दौरान अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिज़ोरम, नागालैंड, त्रिपुरा और सिक्किम में रुक-रुककर हल्की से मध्यम बारिश और कुछ जगहों पर गरज के साथ भारी बारिश होने की भी उम्मीद है।
पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून की शुरुआत सामान्यतः केरल के साथ ही हो जाती है। हालांकि स्काइमेट द्वारा जारी किये गए पूर्वानुमान के मुताबिक, केरल में मॉनसून के आगमन में कुछ देरी हो सकती है, लेकिन पूर्वोत्तर भारत में मॉनसून आने से पहले भी तेज़ बारिश जारी रहने की संभावना है।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों का अनुमान है कि आने वाले दिनों में पूर्वोत्तर भारत में मानसून की प्रगति दक्षिणी भारत के मुक़ाबले बेहतर रहेगी।
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पूर्वोत्तर राज्यों में मॉनसून के आगमन से पहले जून के पहले हफ्ते तक, अधिक तीव्रता के साथ मध्यम से भारी बारिश देखने को मिल सकती है। वहीं इस दौरान जल-भराव, आकाशीय बिजली गिरने के साथ-साथ मूसलाधार बारिश भी हो सकती है।
जिसके कारण पूर्वोत्तर भारत में दिन और रात का तापमान सामान्य से नीचे बने रहने के साथ मौसम सामान्य बना रहेगा।
Image Credit: VOA News
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