लुधियाना, पटियाला, भटिंडा, करनाल, रेवाड़ी, जयपुर, भरतपुर, आगरा, मथुरा, दिल्ली समेत उत्तर भारत में 2 महीने बाद हुई बारिश

November 16, 2020 8:00 AM | Skymet Weather Team

आखिरकार उत्तर भारत में सूखे का अकाल खत्म हुआ और 15 नवंबर को कई शहरों में लोगों को बारिश का दीदार हुआ। यूं तो इस बार दीपावली पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली समेत उत्तर भारत के तमाम इलाकों में प्रदूषण संभावित शहरों में पटाखों की बिक्री और आतिशबाजी पर सख्ती से प्रतिबंध लागू किए गए थे। इसके बावजूद उत्तर भारत के कई शहरों में 15 नवंबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक 500 के स्तर को पार कर गया था, जो बेहद खराब श्रेणी में माना जाता है। आमतौर पर हर साल की दिवाली के बाद जो हालात होते हैं, इस बार उससे बेहतर स्थितियां थीं और ऊपर से हुई बारिश ने इस स्थिति को और बेहतर कर दिया।

पंजाब, हरियाण, दिल्ली, उत्तरी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश तथा इससे सटे ग्वालियर संभाग के उत्तरी मध्य प्रदेश के क्षेत्रों में 15 नवंबर को वर्षा दर्ज की गई। जयपुर, भरतपुर, अलवर, झुंझुनू समेत उत्तर-पूर्वी राजस्थान के कुछ इलाकों में ओलावृष्टि की घटनाएं भी देखने को मिलीं। मध्य प्रदेश के उत्तरी भागों में ग्वालियर के अलावा गुना, भिंड, मुरैना दतिया और आसपास के कुछ हिस्सों में बारिश हुई।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ज्यादा हलचल दक्षिणी भागों में रही जिसमें आगरा, अलीगढ़, मथुरा, बागपत, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद के क्षेत्र शामिल है। तराई वाले इलाकों में हलचल कम रही। पंजाब और हरियाणा के भी कई शहरों में वर्षा हुई है, जिससे प्रदूषण से राहत मिली है। रबी फसलों की जिन भागों में बुआई हो चुकी है उन फसलों के लिए यह बारिश ज्यादातर लाभप्रद साबित होगी। स्काईमेट ने बारिश का जो अनुमान लगाया था लगभग उसी तरह की बारिश हुई है। उत्तर भारत में पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से मैदानी इलाकों पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ था जिसके कारण यह बारिश का मौसम बना।

अब यह दोनों सिस्टम कमजोर हो गए हैं जिससे 16 और 17 नवंबर को मौसमी हलचल काफी कम रहेगी। हालांकि उत्तर पूर्वी राजस्थान और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ इलाकों में तथा हरियाणा, पंजाब और दिल्ली एनसीआर में कहीं-कहीं पर आंशिक बादलों के बीच बूंदाबांदी होने या हल्की वर्षा होने की संभावना से इनकार भी नहीं किया जा सकता। उसके बाद अगले 1 सप्ताह तक उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में बारिश के आसार फिलहाल बहुत कम हैं, क्योंकि मौसम से जुड़े मॉडल कैस्पियन सागर से किसी सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के उत्तर भारत की तरफ आने के संकेत फिलहाल नहीं दे रहे हैं।

दीपावली के अगले दिन बढ़े प्रदूषण और आंशिक बादलों के कारण उत्तर भारत के मैदानी इलाकों में रात का तापमान बढ़ गया था। कई इलाकों में तीन चार डिग्री सेल्सियस तक की बढ़ोतरी दर्ज होने से सर्दी अचानक कम हो गई थी। अब बादलों का प्रभाव कम होने के बाद तापमान में फिर से गिरावट शुरू होगी और उत्तर भारत के मैदानी शहरों में सर्दी का प्रभाव बढ़ जाएगा।

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