राजस्थान को पूर्वी राजस्थान और पश्चिम राजस्थान के नाम से दो उप छेत्रों में बांटा गया है। यद्यपि वार्षिक वर्षा दोनों उप-विभाजनों पर काफी हद तक भिन्न होती है, क्योंकि पश्चिमी राजस्थान की तुलना में पूर्वी राजस्थान में लगभग दुगनी बारिश होती है।
वास्तव में, पूर्वी राजस्थान के लिए सामान्य मानसून सीजन वर्षा 616 मिमी होती है वहीं पश्चिम राजस्थान में ये आंकड़ा 263 मिमी है। इस प्रकार यह बात पूरी तरह स्पष्ट है कि पूर्वी राजस्थान क्षेत्र में बारिश ज्यादा होती है। जबकि पश्चिम राजस्थान, आम तौर से सूखे और गर्म मौसम की स्थिति का सामना करता है।
इस साल मानसून के मौसम में राजस्थान में संतोषजनक बारिश हुयी है। आज की तारीख तक, पूर्वी राजस्थान में बारिश में कमी का आंकड़ा केवल 6% है, जबकि पश्चिम राजस्थान में 18% है।
हालांकि राजस्थान में मानसून के मौसम की वापसी अगस्त के अंत तक और सितंबर के पहले सप्ताह के दौरान शुरू होती है, खासकर राजस्थान के बिलकुल पश्चिमी हिस्सों में। फिर भी, पूर्वी और दक्षिणी हिस्सों में अभी भी हल्की वर्षा देखी जा सकती है।
पिछले चार दिनों से, पश्चिम राजस्थान में मौसम की स्थिति शुष्क है लेकिन पूर्व राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की वर्षा जारी है। हालांकि पिछले 24 घंटों के दौरान, पूर्व और दक्षिण राजस्थान के कुछ जिलों में मध्यम बारिश देखी गई जबकि कुछ जगहों पर भारी बारिश हुयी।
मंगलवार को सुबह 08:30 बजे से पिछले 24 घंटों के दौरान बूंदी में 42 मिमी बारिश दर्ज की गई, इसके बाद माउंट आबू में 38 मिमी, अजमेर में 24 मिमी, अलवर में 16 मिमी और जोधपुर में 8 मिमी बारिश हुयी।
स्काईमेट वेदर के मुताबिक, चूंकि मानसून की अक्षीय रेखा राजस्थान से होते हुए गुजर रही है और गुजरात के ऊपर चक्रवाती हवाओं का छेत्र भी बना हुआ है। इसके अलावा, आगे भी इसी तरह का मौसम जारी रहने की उम्मीद है। इसलिए अगले 24 घंटों तक राजस्थान के कुछ हिस्सों में हल्की बारिश जारी रहेगी जबकि कुछ जगहों पर मध्यम बारिश होगी।