इस समय बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों पर एक विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है, जिसके कारण बंगाल की खाड़ी से आद्र हवाएं पूर्वी भारत के भागों में लगातार पहुंच रही है। उत्तरी ओडिशा से सटे भागों सहित झारखण्ड में चल रही दक्षिण-पूर्वी हवाओं के साथ शुष्क और ठंडी उत्तर-पश्चिमी हवाएँ मिल रही है, जिस वजह से इन क्षेत्रो में बादलों के बनने में बढ़ोतरी होगी और बारिश की गतिविधियां देखी जा सकती है।
इसके अलावा एक और विपरीत चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र मध्य प्रदेश और गंगीय पश्चिम बंगाल से होते हुए देश के पूर्वोत्तर भागों में विकसित हो रहा है। जिसके कारण पश्चिम बंगाल के दक्षिणी जिलों सहित ओडिशा के उत्तरी भागों और छत्तीसगढ़ में एक दो जगहों पर हल्की बारिश पहले ही देखी जा चुकी है।
स्काईमेट का अनुमान है कि, राज्य के इन क्षेत्रों में अलग-अलग जगहों पर बारिश और गरज के साथ ओलावृष्टि भी दिख सकती है। इसके अलावा रुक-रुक हो रही बारिश के तीव्रता में भी बढ़ोतरी के आसार हैं।
Read in English : West Bengal, Jharkhand, Odisha gear up for rains and lightning strikes
राज्य के दक्षिणी जिलों में बारिश की तीव्रता अधिक होगी। बारिश की यह गतिविधियां अगले 3 दिन यानि 18 मार्च तक जारी रहने की उम्मीद है। 17 मार्च और 18 मार्च को, उम्मीद है की राज्य में कुछ एक जगहों पर गरज के साथ मध्यम से भारी बारिश देखी जा सकती है।
प्री-मॉनसून सीजन, काल बैसाखी या नोरवेस्टर्स के लिए प्रसिद्ध है। जो कि पहले ही शुरू हो चुका है। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक 17 या 18 मार्च को, गंगीय पश्चिम बंगाल, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के कई स्थानों पर हल्की हवाओं के साथ आकाशीय बिजली दिखने की आशंका है।
यह भी पढ़ें : प्री मॉनसून सीज़न के दौरान साइलेंट किलर की तरह आता है आकाशीय बिजली
आकंड़ो की बात करें तो इस समय पश्चिम बंगाल में बारिश की कमी है, लेकिन इस बारिश की कड़ी के अंत तक उम्मीद है कि इस राज्य की बारिश के स्तर में कुछ हद तक सुधार होगा।
19 मार्च तक कोन्फ़्लुएन्स जोन धीरे-धीरे दूर हो जाएगा और मौसम शुष्क होने लगेगा। जिसके बाद राज्य के कई हिस्सों में दिन का तापमान 3 से 4 डिग्री सेल्सियस तक गिर जाएगा।
Image Credit: ndtv.com
कृपया ध्यान दें: स्काइमेट की वेबसाइट पर उपलब्ध किसी भी सूचना या लेख को प्रसारित या प्रकाशित करने पर साभार: skymetweather.com अवश्य लिखें।