उत्तर भारत के पहाड़ों पर एक बार फिर से बारिश होने वाली है। एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर के हिमालयी क्षेत्र को आज से प्रभावित करेगा, इसी के चलते जम्मू व कश्मीर के ऊँचे शिखरों पर बारिश शुरू होगी और 16 तथा 17 अप्रैल को इसका प्रसार हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड तक भी बढ़ेगा। जम्मू व कश्मीर के अधिकांश हिस्सों में मध्यम वर्षा हो सकती है जबकि हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में पर्वतीय इलाकों में हल्की वर्षा का अनुमान है। हालांकि तीनों पर्वतीय राज्यों में 17 की शाम से लेकर 18 तक अनुमान है कि मौसम शुष्क रहेगा।
लेकिन स्काईमेट के मुताबिक 19 अप्रैल को एक नया पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत में आ सकता है। जिसके अधिक प्रभावशाली होने की आशंका है। ऐसी उम्मीद है कि इसका प्रभाव 36 से 48 घंटे में खत्म हो जाएगा, लेकिन इन्हीं 48 घंटों के दौरान जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अच्छी बारिश और बर्फबारी दर्ज की जा सकती है। इस बार भी बारिश का सबसे अधिक असर जम्मू व कश्मीर में ही देखने को मिलेगा। हिमालय की गोद में बसे इन राज्यों में बारिश की गतिविधियों के चलते आगामी 5-7 दिनों तक अधिकतम तापमान सामान्य से काफी नीचे रहेगा। खासतौर पर जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में पारा 5 से 7 डिग्री सेल्सियस गिर जाएगा।
उत्तर भारत में बारिश आमतौर पर पश्चिम से आने वाली नम हवाओं के कारण होती है। कैस्पियन सागर, काला सागर, लाल सागर और भूमध्य सागर से उठने वाली यह हवाएँ पाकिस्तान, भारत और नेपाल के साथ-साथ बांग्लादेश को भी प्रभावित करती हैं। मौसम की इसी चाल को हम पश्चिमी विक्षोभ के नाम से जानते हैं। ये हवाएँ आमतौर पर सृंखलाबद्ध तरीके से पूरे साल चलती रहती हैं। लेकिन सर्दियों में हवाओं का बहाव अपेक्षाकृत नीचे से होता है इसी कारण सर्दियों में देश के उत्तरी इलाकों में बारिश दर्ज की जाती है।