मध्य प्रदेश के पूर्वी हिस्से में पिछले कई दिनों से अच्छी बारिश हो रही है। इसके अलावा छत्तीसगढ़ में भी हल्की बारिश देखने को मिली है। सौराष्ट्र, कच्छ, राजस्थान और पश्चिम मध्य प्रदेश के अधिकांश इलाकों में बारिश बहुत हल्की बारिश हुई है। जिसके कारण फसलें बर्बाद होने के कगार पर थी। सिर्फ सिंचाई के भरोसे इन फसलों को बचाये रखने के लिए पर्याप्त नहीं हैं।
बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना जो छत्तीसगढ़ के ऊपर आते ही और अधिक प्रबल हो गया। वहीं 23 जून को, छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के कई हिस्सों में भारी बारिश देखने को मिली है। भारी बारिश की इन गतिविधियां से किसानों को काफी राहत मिली है। अब निम्न दबाव का क्षेत्र मध्य प्रदेश के पूर्वोत्तर इलाकों पर बना हुआ है और पिछले 24 घंटों के दौरान मध्य प्रदेश के अधिकांश हिस्सों के साथ-साथ दक्षिण राजस्थान और गुजरात के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई है।
वहीं मध्य प्रदेश के पश्चिमी भागों में अगले 24 से 48 घंटों तक मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी। जबकि मध्य प्रदेश के उत्तरी और पूर्वी हिस्सों में भी बारिश की गतिविधियां तेज होंगी। इसके अलावा दक्षिण-पूर्व और दक्षिणी राजस्थान के साथ-साथ गुजरात के कुछ हिस्सों में भी अच्छी बारिश होने के आसार है। जबकि गुजरात के उत्तरी जिले जैसे महेसाणा, साबरकांठा, बनासकांठा, इदर, दीसा, पाटन, भुज और नलिया सूखे जैसी स्थिति का सामना कर रहे हैं। हालाँकि आने वाले दिनों में बारिश की गतिविधियां निश्चित रूप से फसलों को एक नया जीवन देंगी।
स्काइमेट के मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, पश्चिमी राजस्थान में पर्याप्त बारिश होने के आसार बहुत कम हैं। लेकिन अगस्त और सितंबर का महीना जुलाई की तुलना में काफी बेहतर हो सकता है। जिससे मध्य प्रदेश के पश्चिमी जिलों समेत राजस्थान और गुजरात में अगले महीने औसत बारिश होने की संभावना है।