पिछले 48 घंटों से पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में मौसम का क्रूर रूप देखने को मिला है। मंगलवार को उत्तर प्रदेश और बिहार में आए तेज़ आँधी-तूफान में कम से कम 30 लोगों की जानें चली गईं जबकि अनेक घायल हो गए। राज्य सरकार ने स्थिति का जायज़ा लेने के लिए तत्काल आपात बैठक बुलाई। हवाएँ इतनी प्रबल थीं कि इन राज्यों में नुकसान कराने के बाद उनका प्रभाव झारखंड और पश्चिम बंगाल तक देखा गया।
उत्तर प्रदेश के मध्य भागों में मंगलवार की सुबह सुबह मौसम ने करवट ली, जहां तेज़ हवाओं के साथ धूल भरी आँधी चली उसके बाद इसने पूर्व का रूख किया और पीछे छोड़ गया टूट फूट का एक मंज़र। बिहार में दोपहर में ही घने और काले बादलों के कारण अंधेरा छा गया था। अकेले बारिश से ना तो इतनी व्यापक तबाही होती है और ना ही लोगों की जानें जाती हैं। हालांकि इस समय आमतौर पर तेज़ हवाओं के साथ धूल भरी आँधी चलने और गरज के साथ बारिश होने की संभावनाएं बनी रहती हैं।
स्काइमेट के वेदर स्टेशन पर लगे सेंसरों के अनुसार पटना के पास बिहता में हवा की गति 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार तक चली गई थी, जबकि गोरखपुर में 70 और इलाहाबाद में 55 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से हवाएँ इस दौरान चल रही थीं। मंगलवार की सुबह 8.30 (IST) से पिछले 24 घंटों के दौरान गोरखपुर में 7 मिलीमीटर, पटना में 3 मिली, भुवनेश्वर में 28 मिमी, भागलपुर में 12 मिमी और पूर्णिया में 3.3 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई है।
बिहार में कंपन!
बिहार शनिवार को आए भूकम्प और उसके बाद के झटकों से उबरने का प्रयास कर रहा था इसी बीच इस बारिश और तेज़ धूल भरी आँधी के साथ आए तूफान ने फिर से लोगों में भय पैदा कर दिया है। मंगलवार को मौसम में ये तबदीली पूर्वी उत्तर प्रदेश और उससे सटे भागों में बने एक चक्रवाती दबाव के कारण आई थी, जो बंगाल की खाड़ी से नम हवाओं को आकर्षित करने के लिए अनुकूल स्थितियां बना रहा है। इसलिए इन क्षेत्रों में कम से कम अगले 3 दिनों तक बारिश की गतिविधियां होती रह सकती हैं। कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि ये जो समय चल रहा है, इसमें तामपान और आर्द्रता के ज़रा सा ऊपर चले जाने मेघगर्जना होने की स्थितियाँ बन सकती हैं।
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