पिछले कुछ दिनों से लगातार पश्चिमी विक्षोभ के कारण पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में अच्छी बारिश हो रही है। अब एक बार फिर से जम्मू और कश्मीर क्षेत्र पर एक ताज़ा पश्चिमी विक्षोभ बना हुआ है। इसके कारण, कल सुबह तक जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के कई हिस्सों में गरज के साथ हल्की से मध्यम बारिश जारी रहेगी।
अब, आगामी बारिश के दौर के बाद, उत्तर भारत की पहाड़ियों पर वर्षा की गतिविधि काफी हद तक कम हो जाएगी।
इसके बाद, अगला पश्चिमी विक्षोभ जम्मू और कश्मीर को 16 मई के आसपास प्रभावित करने की संभावना है। इस प्रकार, 16 से 18 मई के बीच उत्तर भारत के पहाड़ी राज्यों में बारिश बढ़ने की उम्मीद की जा सकती है। इस दौरान, हिमाचल प्रदेश और जम्मू और कश्मीर में अधिक वर्षा देखी जाएगी, जबकि उत्तराखंड में कुछ जगहों में देखी जाएगी।
19 मई तक मौसम साफ होने लगेगा। हालांकि, इन तीन दिनों के दौरान, उत्तर भारत की पहाड़ियों की ऊपरी हिस्सों में बर्फबारी की गतिविधी भी देखी जा सकती है।
उत्तराखंड में विपरीत मौसम की गतिविधियाँ देखी जा रहीं हैं। केदारनाथ में 11 मई को अच्छी बारिश और बर्फबारी की गतिविधियां देखी गई है। यहां तापमान में भी भारी गिरावट देखी गयी है, जिसके कारण श्रद्धालुओं को सुरक्षित स्थानों पर शरण लेनी पड़ी है।
वहीं दूसरी ओर, टिहरी में जंगल की आग देखी जा रही है। 16 से 18 मई के बीच होने वाली बारिश कुछ राहत दे सकती है।
उत्तर प्रदेश और बिहार में अगले 3-4 दिनों तक आँधी तथा बारिश का दौर
अब तक, पूर्वी उत्तर प्रदेश में प्री-मॉनसूनी वर्षा में सामान्य से 53% कम बारिश देखी गयी है, जबकि पश्चिम उत्तर प्रदेश में वर्षा में सामान्य से 33% कम है। इसका कारण है, पश्चिमी विक्षोभ और उससे प्रेरित हवाओं का चक्रवात जिंका प्रभाव एस बार केवल उत्तर भारत तक ही सीमत रहा। इसलिए, पूर्वी उत्तर प्रदेश की तुलना में पश्चिम उत्तर प्रदेश में बारिश अधिक हुई है।
दूसरी ओर, इसके निकटवर्ती राज्य बिहार में बारिश सामान्य से 13% अधिक है। इसका श्रेय जाता है चक्रवात फ़ौनी, जो की ओडिशा से होते हुए पश्चिम बंगाल की ओर कूच किया और बिहार के पूर्वी हिस्सों में भारी बारिश दी। इसके अलावा, पश्चिमी विक्षोभ के अवशेष जो उत्तर पूर्व की ओर तराई इलाकों से होते हुए, पूर्वी बिहार के कुछ हिस्सों में बारिश देते हैं।
अररिया, कटिहार, पूर्णिया, सुपौल और भागलपुर इन गतिविधियों का निरीक्षण करेंगे। एक हवाओं का चक्रवात पूर्वी बिहार पर बना हुआ है, जिससे की एक ट्रफ रेखा दक्षिण भारत देखी जा सकती है।
Also Read: After a short break post tomorrow, rain in hills of North India likely again on May 16
इसलिए, अगले दो से तीन दिनों के दौरान, बिहार के तराई और पूर्वी भागों में हल्की छिटपुट बारिश होने की उम्मीद है। प्री-मॉनसून सीज़न के दौरान, बिजली के हमलों की संभावना संवहन बादलों की अनुपस्थिति के कारण कम है। हालांकि, दूसरी ओर, पश्चिमी हिमालय पर लगातार पश्चिमी विक्षोभ पूरे सप्ताह जारी रहने की उम्मीद है जो उत्तरी मैदानों पर हवाओं का चक्रवात प्रेरित करेगा। इसके अलावा, एक ट्रफ रेखा पश्चिम उत्तर प्रदेश तक बनेगी जिससे अगले तीन से चार दिनों तक पश्चिम और मध्य उत्तर प्रदेश में धूल भरी आंधी और गरज के साथ बारिश की गतिविधियाँ होंगी। मेरठ, बरेली, सहारनपुर, हरदोई, बुलंदशहर और मुरादाबाद जैसी जगहें प्रभावित होंगी।
वर्षा कि तीव्रता कम होगी और ये प्री-मॉनसून गतिविधियां कुछ इलाकों में होंगी जो कम अवधि तक चलेगी। जैसे ही मौसम प्रणाली पूर्वी उत्तर प्रदेश की ओर बढ़ना शुरू करेगी, पूर्वी उत्तर प्रदेश में भी एक-दो भागों में हल्की बारिश हो सकती है। इस प्रकार, हम कह सकते हैं कि अगले 3-4 दिनों तक उत्तर प्रदेश और बिहार में रुक-रुक कर बारिश होती रहेगी।
Image Credit: Steemit
Please Note: Any information picked from here must be attributed to skymetweather.com