पहाड़ों पर भारी बर्फबारी की शुरुआत हो गई है। आगामी चार-पांच दिनों के दौरान एक के बाद एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ उत्तर भारत के पर्वतीय राज्यों को प्रभावित करेंगे और जम्मू कश्मीर से लेकर गिलगित, बालटिस्तान, मुजफ्फराबाद, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश में व्यापक वर्षा और हिमपात का दौर देखने को मिलेगा। उत्तराखंड में भी मौसम इस दौरान सक्रिय रहेगा और कई जगहों पर हल्की से मध्यम वर्षा के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी देखने को मिलेगी।
कश्मीर के पास वर्तमान में बने पश्चिमी विक्षोभ के चलते 8 दिसंबर को भी जम्मू-कश्मीर में कई जगहों पर व्यापक वर्षा और बर्फबारी दर्ज की गई। हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और लद्दाख में इस दौरान कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम वर्षा की गतिविधियां देखने को मिलीं। आगामी 24 घंटों के दौरान इस सिस्टम का प्रभाव इन सभी पर्वतीय राज्यों पर बना रहेगा और श्रीनगर से लेकर गुलमर्ग, कुलगाम, पहलगाम, काजीगुंड, शिमला, धर्मशाला, उना, मंडी लाहौल स्पीति, केदारनाथ, बद्रीनाथ, यमुनोत्री और गंगोत्री समेत कई ऊंचाई वाले क्षेत्रों में व्यापक बर्फबारी देखने को मिल सकती है। इसके चलते जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग, मुगल रोड समेत तमाम जगहों पर रास्ते बंद हो सकते हैं।
कुछ इलाकों में हिमस्खलन और भूस्खलन की भी आशंका है जिससे आवागमन अवरुद्ध होने की आशंका है। 10 दिसंबर को यानी कल पहाड़ों पर बारिश और हिमपात में ब्रेक लगेगी। उसके बाद एक नया पश्चिम विक्षोभ फिर से उत्तर भारत के करीब पहुंचेगा और यह सिस्टम कम से कम 48 घंटों तक व्यापक रुप में सक्रिय रहेगा। यानी पहाड़ों पर 11 और 12 दिसंबर को भारी वर्षा और हिमपात का नजारा फिर से देखने को मिलेगा। लगातार होने वाली संभावित वर्षा और बर्फबारी के कारण आगामी 4-5 दिनों के दौरान जम्मू कश्मीर और हिमाचल प्रदेश के कई शहर ऐसे होंगे जहां न्यूनतम तापमान गिरकर 0 से नीचे चला जा सकता है जबकि चार-पांच दिनों के बाद ठंडी हवाएं अपना असर दिखाएंगी और रात के तापमान में बड़ी गिरावट दज की जाएगी।