उत्तर भारत में जम्मू कश्मीर के पास बने सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ के चलते पर्वतीय राज्यों में रुक-रुक कर बारिश और हिमपात की गतिविधियां देखने को मिल रही हैं। पिछले 24 घंटों के दौरान जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, लद्दाख और उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में वर्षा और बर्फबारी रिकॉर्ड की गई है।
पिछले 24 घंटों में कश्मीर में बनिहाल, बटोटे, भद्रावाह, कोकेरनाग और कटरा में तकरीबन 10 मिमी बारिश और बर्फबारी दर्ज की गई है। इसी दौरान हिमाचल प्रदेश में कुल्लू में 5 मिमी और मनाली में 10 मिमी बारिश और हिमपात रिकॉर्ड किया गया। शिमला समेत अन्य हिस्सों में हल्की वर्षा और बर्फबारी हुई है।
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उत्तराखंड में मुक्तेश्वर, मसूरी, नैनीताल, पिथौरागढ़, टिहरी, उत्तरकाशी और देहारादून समेत लगभग सभी जगहों पर बादल छाए रहे और रुक-रुक बारिश हो रही है।
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार सक्रिय पश्चिमी अभी भी जम्मू-कश्मीर पर बना हुआ है। इसके प्रभाव से विकसित हुआ चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र हरियाणा पर है। इन दोनों सिस्टमों का असर उत्तर भारत के पहाड़ों पर देखने को मिल रहा है।
उत्तर भारत के इन पर्वतीय राज्यों में आज रात और कल सुबह तक मौसमी गतिविधियां बनी रह सकती हैं। गुलमर्ग, कुलगाम, पहलगाम, श्रीनगर, कारगिल, लेह, शिमला, लाहौल-स्पीति, बिलासपुर, चंबा, मसूरी, नैनीताल, उत्तरकाशी सहित समेत जम्मू कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में अच्छी बारिश और बर्फबारी जारी रहेगी।
7 मार्च तक वर्षा व हिमपात की उम्मीद
मौसमी गतिविधियां 7 मार्च की दोपहर तक बनी रह सकती हैं। उसके बाद पश्चिमी विक्षोभ लद्दाख के पूर्वी हिस्सों पर पहुँच जाएगा जिससे पश्चिमी कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में बारिश और हिमपात में कमी आ जाएगी। जबकि लद्दाख और उत्तराखंड में 8 मार्च की सुबह तक मौसम में हलचल बनी रह सकती है।
तेज़ बारिश और बर्फबारी के चलते कश्मीर, हिमाचल और उत्तराखंड में हिमस्खलन और भूस्खलन की आशंका है। अगले दो दिनों तक पहाड़ों पर लोगों बेहद एहतियात बरतने की ज़रूरत है।
उत्तर भारत के पहाड़ों पर 8 और 9 मार्च को मौसम मुख्यतः शुष्क रहेगा। उसके बाद 10 मार्च से एक नया और सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ आएगा जिसके चलते पर्वतीय स्थानों पर 10 मार्च से बारिश फिर शुरू हो सकती है।
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