दक्षिण भारत में प्री-मॉनसून गतिविधि बढ़ रही है। वर्तमान में प्रायद्वीपीय भारत(दक्षिण भारत) के अंदरूनी हिस्सों पर उत्तर-दक्षिण ट्रफ की अर्ध स्थायी विशेषता बहुत सक्रिय है। तमिलनाडु, केरल और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई है। तटीय आंध्र प्रदेश और पड़ोसी राज्य तेलंगाना तक भारी बारिश हुई है। मौसम ऐसी ही स्थितियाँ अगले तीन दिनों तक बनी रहेंगी और उसके बाद ज्यादा तेज हो जाएंगी।
एक चक्रवाती परिसंचरण व्यापक क्षेत्र में आ रहा है, जो तमिलनाडु और केरल के दक्षिणी हिस्सों, मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु तट से दूर बंगाल की दक्षिण-पश्चिमी खाड़ी को कवर करता है। यह परिसंचरण 20 मई को बनने की संभावना है और 20 से 22 मई के बीच अगले तीन दिनों तक इस क्षेत्र में घूमता रहेगा। बाद में, यह चक्रवाती परिसंचरण तट के साथ-साथ उत्तर की ओर बढ़ेगा। इसके बाद 24 मई तक समुद्र के ऊपर चला जाएगा।
जोरदार बारिश से बाढ़: मौसमी ट्रफ़ और चक्रवाती परिसंचरण के असर में पूरे केरल और तमिलनाडु के अंदरुनी हिस्सों में एक संगम क्षेत्र बनने की संभावना है। 20 से 22 मई 2024 के बीच केरल में बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। बाद के 48 घंटों तक मध्यम से भारी बारिश जारी रहेगी। केरल के तटीय इलाकों, राज्य के अंदरूनी हिस्सों और पर्वतीय इलाकों में बारिश से बाढ़ आ सकती है। जोखिम वाले स्थानों में तिरुवनंतपुरम, पुनालुर, अलाप्पुझा, कोल्लम, कोच्चि, कोट्टायम, त्रिशूर, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर और कासरगोड शामिल है।
जीवन और संपत्ति को नुकसान: लगातार गरज के साथ भारी बारिश से सामान्य जनजीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। मूसलाधार बारिश, तेज हवाएँ जीवन और भौतिक संसाधनों को नुकसान पहुँचा सकती हैं। बारिश से कुछ इलाकों में बाढ़ और जलभराव की काफी संभावना है। जिससे कनेक्टिविटी भी बाधित हो सकती है। जल निकायों के ओवरफ्लो होने की आशंका है। नदियों और नालों में बारिश से बढ़े पानी का प्रवाह इतना तेज हो सकता है कि संपत्तियों को नुकसान पहुंच सकता है। जीवन और संपत्ति की सुरक्षा के लिए सावधानी बरतें।