पिछले 24 घंटों में गुजरात के अधिकांश हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई है। सौराष्ट्र में सबसे अधिक बारिश हुई और समुद्र तट भारी बारिश से तबाह हो गया। वेरावल, पोरबंदर, द्वारका, ओखा, जामनगर, खंभालिया और राजकोट में भारी बारिश हुई। उत्तरी गुजरात के अंदरूनी हिस्सों के साथ-साथ कच्छ के कुछ हिस्सों में भी मध्यम बारिश दर्ज की गई। सौराष्ट्र में अगले 3 दिनों में और भारी बारिश होने की संभावना है। इस अवधि के दौरान राज्य के अन्य हिस्सों में भी अच्छी बारिश होने की उम्मीद है।
इस कारण हो रही भारी बारिश: गुजरात में मौसम गतिविधि बढ़ने के दो मुख्य कारण हैं। पहला, दक्षिण पश्चिम पाकिस्तान के सिंध-बलूचिस्तान क्षेत्र में वायुमंडल के निचले स्तर पर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बना हुआ है। एक ट्रफ रेखा सिस्टम से कच्छ और सौराष्ट्र से होते हुए पूर्वोत्तर अरब सागर तक फैली हुई है। दक्षिण गुजरात तट पर एक अपतटीय ट्रफ रेखा चिह्नित है, जो समुद्र तट के पार दक्षिण की ओर फैली हुई है। इन दोनों प्रणालियों के संयुक्त प्रभाव के कारण गुजरात में अगले 3 दिनों में मौसम गतिविधि (बारिश, आँधी, तेज हवाएं, बिजली गर्जन) बढ़ने के आसार हैं।
कुछ क्षेत्रों में खराब मौसम का खतरा: दक्षिण गुजरात के तटीय इलाकों में मध्यम बारिश होगी, जिनमें कुछ स्थानों पर बीच-बीच में भारी बारिश भी हो सकती है। नवसारी, वापी, वलसाड, सूरत और भरूच में बहुत भारी बारिश होगी। वहीं, सौराष्ट्र में भी बारिश अधिक तीव्र और जोरदार होगी। सौराष्ट्र का पश्चिमी भाग मौसम गतिविधि के प्रति अधिक संवेदनशील होगा। तटीय क्षेत्र जो ऊना-दीव से शुरू होकर सॉमनाथ, पोरबंदर, द्वारका, ओखा, जामनगर, खंभालिया तक फैला हुआ है, वहां खराब मौसम की स्थिति का खतरा रहेगा। यह मौसम गतिविधि सौराष्ट्र के आंतरिक हिस्सों में भी फैल जाएगी, जिसमें जूनागढ़, राजकोट, मोरबी और सुरेंद्रनगर शामिल हैं। इस गतिविधि का असर कच्छ के कुछ हिस्सों में भी हो सकता है, जिसमें कांडला, भुज और नलिया शामिल हैं।
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