पूर्वोत्तर भारत में बहुत अच्छा मॉनसून वर्ष नहीं रहा है, क्योंकि इस क्षेत्र के अधिकांश हिस्सों में बारिश की कमी है। दरअसल, अरुणाचल प्रदेश के साथ नागालैंड, मिजोरम, मणिपुर और त्रिपुरा में अब भी बारिश की कमी बनी हुई है। हालांकि, असम राज्यों में कुछ अच्छी बारिश हुई है वहीं मेघालय में सामान्य से -19 प्रतिशत बारिश की कमी बानी हुई है।
इन क्षेत्रों में मॉनसून के दौरान कुछ बारिश हुई है और पूरी तरह से शुष्क नहीं रही है, लेकिन औसत आंकड़ों में कमी अधिक है, इसलिए इन क्षेत्रों में मानसून के सकारात्मक आंकड़े दिखना मुश्किल है।
वर्तमान में, मॉनसून की अक्षीय रेखा एक बार फिर तलहटी के इलाकों पर पहुंच गई है और एक बार फिर उत्तरी बिहार, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल में नागालैंड तक फैली हुई है और कम से कम अगले चार से पांच दिनों तक वहीं बने रहने की उम्मीद है। साथ ही, बंगाल की खाड़ी से आने वाली नम हवाएं भी पूर्वोत्तर भारत में नमी बनाए रखेंगी।
इस प्रकार, उप हिमालयी पश्चिम बंगाल, असम, सिक्किम, मेघालय, अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड के कुछ हिस्सों में 26 अगस्त तक बारिश की गतिविधियां तेज होंगी। मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में भी इसी समय के दौरान अच्छी बारिश होगी, लेकिन इन क्षेत्रों में बारिश की तीव्रता तुलनात्मक रूप से कम होगी क्योंकि मॉनसून की ट्रफ पूर्वोत्तर भारत के उत्तरी हिस्सों पर होगी।
स्काइमेट के मौसमी विज्ञानियों के अनुसार, ये गतिविधियां बारिश बारिश की कमी को कुछ हद तक कम कर देगी, लेकिन यह मौजूदा कुल कमी को ख़त्म करने के लिए पर्याप्त नहीं होगी। वहीं, असम के कुछ निचले इलाकों में अलग-अलग जलभराव की संभावना से भी इंकार नहीं किया जा सकता है।