देश के मध्य और पूर्वी हिस्सों में जनवरी और फरवरी के महीने में बेमौसम बारिश हुई है। यही कारण है कि मध्य और पूर्वी भारत के अधिकांश मौसम सिब्डीविजन अधिक वर्षा वाले हैं।
अगले सप्ताह के दौरान पूर्वी मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ बिहार और झारखंड के साथ-साथ दक्षिण पूर्व उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश की गतिविधियों की संभावना है। हमें भारी बारिश या ओलावृष्टि की गतिविधियों की उम्मीद नहीं है। इसलिए फसलों को नुकसान होने की संभावना से इंकार किया जा सकता है। 15 फरवरी को मध्य प्रदेश में एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित होने की उम्मीद है, जो 15 फरवरी को पूर्वी मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ और पूर्वी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में छिटपुट बारिश देगा। वर्षा 16 फरवरी को बिहार और उससे सटे झारखंड के दक्षिणी हिस्सों में भी होगी।
इन क्षेत्रों में 18 से 20 फरवरी के बीच एक और हल्की बारिश संभव है। कंफ्लुएंस जोन बनने से इस बार बारिश की गतिविधियां होंगी। उत्तर से आने वाली शुष्क और ठंडी हवाएँ मध्य और पूर्वी भारत में दक्षिण पूर्वी आर्द्र हवाओं के साथ परस्पर क्रिया करेंगी जिससे ये बारिश की गतिविधियाँ होंगी।
मध्य और पूर्वी भारत में सर्दियों में वर्षा आमतौर पर एक संगम क्षेत्र के बनने या पश्चिम से पूर्व की ओर एक चक्रवाती परिसंचरण की गति के कारण होती है। अगले सप्ताह के दौरान ये दो प्रकार की मौसम प्रणाली बन सकती है जिससे छिटपुट बारिश हो सकती है।