दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी (BoB) में पिछले दो दिनों से एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। इसके प्रभाव में अगले 24 घंटों में इसी क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। यह मौसम प्रणाली धीरे-धीरे पश्चिम की ओर श्रीलंका, मन्नार की खाड़ी, तमिलनाडु और केरल की ओर बढ़ेगी, जो अगले 3-4 दिनों में अपनी गति से आगे बढ़ेगी। पिछले कुछ दिनों से पूर्वोत्तर मानसून की गतिविधि धीमी थी, जो अब जल्द ही सक्रिय होने वाली है।
बादलों का समूह और निम्न दबाव क्षेत्र का गठन: दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में सक्रिय चक्रवाती परिसंचरण के कारण बादलों का घना समूह दिखाई दे रहा है, जो आगे संगठित होकर निम्न दबाव क्षेत्र में परिवर्तित हो सकता है। यह निम्न दबाव क्षेत्र मन्नार की खाड़ी और तमिलनाडु के तट पर कल 12 नवंबर तक पहुँच जाएगा। उसके एक दिन बाद तमिलनाडु के अंदरूनी हिस्सों में प्रवेश करेगा और फिर केरल के पार होते हुए अरब सागर में जाएगा। इन मौसम प्रणालियों का असर पीछे के क्षेत्रों पर भी काफी देखने को मिलता है, जिससे अगले 6-7 दिनों तक सक्रिय उत्तर-पूर्व मानसून की स्थिति बने रहने की संभावना है।
आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय हिस्सों में बारिश: आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के तटीय हिस्सों में आज छिटपुट बारिश और गरज के साथ बौछारें देखने को मिल सकती हैं। जो कल तक अंदरूनी क्षेत्रों में भी पहुँच जाएंगी। 13 नवंबर से मौसम की गतिविधियों की तीव्रता और फैलाव में और वृद्धि होगी। इस दौरान तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुडुचेरी, केरल, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और तटीय कर्नाटक में व्यापक रूप से बारिश और गरज के साथ बौछारें होने की संभावना है।
18 नवंबर के बाद मौसम में सुधार: 13 से 17 नवंबर के बीच इन क्षेत्रों में व्यापक वर्षा की उम्मीद है। इस दौरान तमिलनाडु और केरल के अंदरूनी हिस्सों में कहीं-कहीं भारी बारिश भी हो सकती है। तटीय आंध्र प्रदेश और उत्तरी तमिलनाडु विशेष रूप से चेन्नई में अगले 48 घंटों के दौरान कहीं-कहीं भारी वर्षा की संभावना है। 18 नवंबर के बाद इस क्षेत्र में मौसम साफ होने की उम्मीद है।