बंगाल की खाड़ी में लगातार बने हुए चक्रवातीय परिसंचरण के प्रभाव से दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव क्षेत्र बना है, जो उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश के पास स्थित है। यह सिस्टम वायुमंडल के मध्य स्तरों तक पहुंच चुका है। इसके साथ ही निम्न दबाव क्षेत्र के माध्यम से तटरेखा के साथ एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा पश्चिम-मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है। इन मौसम प्रणालियों के कारण दक्षिण प्रायद्वीप में अगले 5 दिनों तक भारी वर्षा की संभावना है, जो उत्तर-पूर्वी मानसून के सभी पांच उपखंडों को कवर करेगी।
तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में भारी बारिश: पिछले 24 घंटों में उत्तर तमिलनाडु और दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में मध्यम से भारी बारिश हुई है। आंध्र प्रदेश के कावली और नेल्लोर में क्रमशः 50 मिमी और 37 मिमी बारिश दर्ज की गई, जबकि तमिलनाडु के मीनम्बक्कम और नुंगम्बक्कम में क्रमशः 57 मिमी और 36 मिमी बारिश हुई। आज भी इन क्षेत्रों में व्यापक वर्षा गतिविधि के साथ-साथ कुछ स्थानों पर भारी बारिश की संभावना है। दोपहर तक कावली में और 52 मिमी बारिश दर्ज की गई है। बारिश का क्षेत्र ओंगोल, कांचीपुरम, तंबरम, पुदुचेरी, कुड्डालोर और कराईकल तक विस्तारित होगा।
पश्चिम की ओर बढ़ने पर बढ़ेगी बारिश: जैसे-जैसे यह मौसम प्रणाली पश्चिम की ओर बढ़ेगी, बारिश का फैलाव बढ़ेगा। अगले 4-5 दिनों में तटीय आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, पुदुचेरी, केरल, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में व्यापक वर्षा होने की संभावना है। इस अवधि में वर्षा उत्तर और तटीय कर्नाटक और गोवा तक भी पहुंचेगी। वर्षा की तीव्रता तमिलनाडु और केरल के आंतरिक भागों में अधिक होगी, विशेषकर 13 से 15 नवंबर के बीच। कुछ अलग-अलग स्थानों पर भारी से अति भारी वर्षा हो सकती है।
प्रमुख शहरों में भारी बारिश की संभावना: चेन्नई, मदुरै, तिरुचिरापल्ली, सेलम, कोयंबटूर, पुदुचेरी, नेल्लोर, बापटला, ओंगोल, तिरुपति, चित्तूर, अनंतपुर, बेंगलुरु, मैसूरु, हसन, तिरुवनंतपुरम, कोच्चि, कोझिकोड, वायनाड, कन्नूर, होन्नावर, मंगलुरु, करवार और गोवा जैसे शहरों में भारी बारिश का अनुमान है। मौसम गतिविधि 18 नवंबर को कम होने की संभावना है। 19 नवंबर से मौसम में व्यापक रूप से सुधार की उम्मीद है।