अरब सागर में कम दबाव/अवसाद के तुरंत बाद तट के दूसरी ओर एक और निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। शुरुआती संकेत के रूप में, दक्षिण बंगाल की खाड़ी (BoB) में अगले 24 घंटों में चक्रवाती परिसंचरण बनने की उम्मीद है। अनुकूल समुद्री परिस्थितियों के चलते यह 13 अक्टूबर को निम्न दबाव क्षेत्र का रूप ले सकता है। शुरुआती संकेत के रूप में, दक्षिण बंगाल की खाड़ी (BoB) में अगले 24 घंटों में चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है।
दक्षिण बंगाल की खाड़ी में बनेगा सिस्टम: मौसम प्रणाली दक्षिण बंगाल की खाड़ी के मध्य भागों पर बन रही है जो भूमध्य रेखा से बहुत दूर है, इसीलिए इस प्रणाली को अक्षांश नहीं मिल पाएगा। हालाँकि, यह कहना थोड़ा जल्दबाजी होगी, लेकिन संभावना है कि यह मौसम प्रणाली पूर्वी तट के दक्षिणी हिस्से में ही सीमित रहे। इसका मतलब है कि तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में इस मौसम प्रणाली का प्रभाव सबसे अधिक होगा।
मौसम मॉडल और पूर्वानुमान की सीमा: मौसम मॉडल और पूर्वानुमान की सटीकता 4 दिनों के बाद कम होने लगती है। ऐसे में इस मौसम प्रणाली की निगरानी और ट्रैकिंग के लिए लगातार अपडेट की आवश्यकता होगी। अनुकूल परिस्थितियों में ये मौसम प्रणाली तेजी से मजबूत होती हैं, और ऐसे में जोखित और खतरे को ध्यान में रखते हुए अलर्ट और तैयारी जरूरी है, वह भी कम समय की सूचना पर जिससे कम समय में आवश्यक कदम उठाए जा सकें।
दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून: दक्षिण भारत में पूर्वोत्तर मानसून का समय नजदीक है, ऐसे में तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और केरल को पूरे सीजन सतर्क रहना होगा। अरब सागर में बनी मौसम प्रणाली का प्रभाव पहले से ही पश्चिमी घाट के साथ तटों पर भी देखने को मिल रहा है। इसी के साथ एक और सिस्टम, तमिलनाडु के तट के पास दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी में बना हुआ है। दक्षिण बंगाल की खाड़ी में तीसरे सिस्टम के बनने के संकेत भी दिखाई दे रहे हैं। ऐसे में दक्षिण भारत को अगले सप्ताह के मध्य तक तेज मौसम गतिविधियों के लिए सतर्क रहना होगा।