दक्षिण प्रायद्वीप(भारत) के आंतरिक हिस्सों में अब तक कोई भी प्री-मानसून गतिविधि नहीं हुई है। देश का दक्षिणी हिस्सा काफी हद कर मानसून से पहले के तूफान से बचा हुआ है। जबकि, अप्रैल महीने की शुरुआत में आंध्र प्रदेश का रायलसीमा क्षेत्र कुछ समय के लिए सबसे गर्म बना हुआ था। हालांकि, मौसमी ट्रफ मौजूद नहीं होने के कारण सबसे गर्म क्षेत्र रायलसीमा किसी भी तरह की तूफानी गतिविधि बनाने में असफल रहा। यही हाल तेलंगाना, कर्नाटक और तमिलनाडु के अंदरूनी हिस्सों का भी था। लेकिन, अभी तूफानी गतिविधियाँ शुरू होने के लिए परिस्थतियाँ बन रही हैं, जोकि बहुत ज्यादा तीव्र नहीं हैं।
दक्षिण भारत में मौसम प्रणाली: उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा के समान हवा का विच्छेदन विदर्भ से लेकर दक्षिण आंतरिक कर्नाटक, तेलंगाना और आंध्र प्रदेश तक फैला हुआ है। मौसम प्रणाली के इस फीचर का विस्तर दक्षिण की ओर कोमोरिन क्षेत्र तक है। इसका एक अंतर्निहित परिसंचरण (embedded circulation) उत्तर आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा के कुछ हिस्सों पर भी है। समुद्र तट के दोनों ओर प्रतिचक्रवात प्रवाह ( anticyclonic flow) प्रायद्वीप(दक्षिण भारत) के अंदर के भागों पर नमी बढ़ावा दे रहा है।
भयंकर गर्मी, तापमान 40 के पार: आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के अंदरूनी हिस्सों में तापमान सामान्य से काफी ऊपर है। अनंतपुर, कुरनूल, कडप्पा, नंद्याल में तापमान 43 डिग्री सेल्सियस से अधिक दर्ज किया गया है। कर्नाटक के अंदरूनी इलाके जैसे गडग, बेलगावी, बेलारी और रायचूर 40 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तापमान के साथ तप रहे हैं। कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में कल 17 अप्रैल को कुछ हिस्सों में हल्की बारिश दर्ज की गई, पिछले कई दिनों से बेंगलुरु उच्च तापमान से जूझ रहा है। बता दें, यह ज्यादा गर्मी प्रायद्वीपीय(दक्षिण) भारत में ट्रफ की सहायता करेगी, जिससे पूरे क्षेत्र में गरज के साथ बारिश शुरू हो जाएगी।
इन क्षेत्रों में प्री-मानसून बारिश: बहुत इंतजार के बाद तेलंगाना, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और केरल में प्री-मानसून गतिविधि की उम्मीद है। हैदराबाद, गडग, गुलबर्गा, रायचूर, चित्रदुर्ग, मैसूर, बेंगलुरु, कोयंबटूर, तंजावुर, मदुरै, कोच्चि और तिरुवनंतपुरम, पलानी और नीलगिरी की पहाड़ियों पर गरज के साथ बारिश होने की संभावना है। अगले 3-4 दिनों तक इस क्षेत्र में ट्रफ रेखा के पूर्व और पश्चिम की ओर दोलन(गति) करने की उम्मीद है। 18 से 20 अप्रैल के बीच हल्की से मध्यम लेकिन, काफी व्यापक प्रसार वाली बारिश हो सकती है। 21 अप्रैल को मौसम प्रणाली का बचा हुआ असर और अगले सप्ताह के दौरान छिटपुट बारिश की गतिविधि होने की संभावना है।
फोटो क्रेडिट: फ्री प्रेस जर्नल