मध्य और पूर्वी भारत में मार्च के महीने में कुछ दिनों के लिए बारिश, गरज के साथ बारिश और यहां तक कि ओलावृष्टि भी हुई। हालाँकि, पिछले कुछ दिनों में तापमान बढ़ने के साथ शुष्क मौसम देखा गया है। चिलचिलाती गर्मी से राहत पाने की चाहत रखने वालों के लिए राहत की उम्मीद है, क्योंकि जल्द ही प्री-मॉनसून गरज के साथ बारिश शुरू होने की उम्मीद है।
इन राज्यों में प्री-मॉनसून बारिश: प्री-मॉनसून बारिश सबसे पहले मध्य भारतीय राज्यों विदर्भ, मराठवाड़ा, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होगी। फिर वर्षा बेल्ट धीरे-धीरे पूर्व की ओर बढ़ेगी, जो ओडिशा, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल को कवर करेगी। तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भी कुछ वर्षा होने की उम्मीद है।
दक्षिण भारत में गरज के साथ बारिश: बारिश का मौसम 6 अप्रैल से शुरू होने और कम से कम 4-5 दिनों तक बने रहने की उम्मीद है। वास्तव में, अप्रैल की पहली छमाही तक दक्षिण प्रायद्वीपीय भारत के अधिकांश मध्य, पूर्व और उत्तरी हिस्सों में छिटपुट प्री-मानसून बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है।
फसलों हो सकता है नुकसान: हालांकि, ये बारिश तापमान में कमी लाने और गर्मी से राहत देने के लिए स्वागतयोग्य है। लेकिन ये देश के कई हिस्सों में चल रही फसल कटाई के लिए चुनौती खड़ी कर सकती है। किसानों को फसल को होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सावधानी बरतने की आवश्यकता हो सकती है।
गर्मी से मिलेगी राहत: कुल मिलाकर, आगामी प्री-मानसून गतिविधि चिलचिलाती धूप और बढ़ते तापमान से राहत देने का काम करेगी। वहीं, मध्य और पूर्वी भारत के लिए मौसम में एक स्वागत योग्य बदलाव लाने का वादा करती है।