मानसून के आने से पहले हमेशा प्री-मानसून वर्षा होती है और यह गतिविधि अगले कुछ दिनों तक चलती है। दिल्ली में पिछले करीब 3 दिनों से हवाओं का रुख बदल रहा है। गर्मी का प्रकोप कम और लू की स्थिति खत्म हो गई है, साथ ही कुछ क्षेत्रों में हल्की बारिश और बौछारें पड़ीं। ये मानसून के आने की पूर्व संकेत(सूचना) हैं। दिल्ली/एनसीआर में आज(27 जून) सुबह मध्यम बारिश हुई। यह बारिश NCR के उत्तरी क्षेत्र में बहुत तेज थी। हवाई अड्डा वेधशाला, पालम में आज सुबह 8.30 बजे तक 16 मिमी की तेज बारिश दर्ज हुई। साथ ही नोएडा, ग्रेटर नोएडा और बुलंदशहर में भी एक घंटे से ज्यादा समय तक अच्छी बारिश हुई। वहीं, सफदरजंग स्थित रिकॉर्ड वेधशाला ने हल्की बारिश दर्ज की है।
दिल्ली में मौसम प्रणाली: उत्तर-पश्चिम राजस्थान पर एक चक्रवाती परिसंचरण है। दूसरा परिसंचरण उत्तर-पूर्व राजस्थान, दक्षिण-पश्चिम उत्तर प्रदेश और निचले स्तरों पर दिल्ली क्षेत्र पर है। इन विशेषताओं से जुड़ने वाली एक पूर्व-पश्चिम ट्रफ रेखा दिल्ली के बहुत करीब से गुजर रही है, जिससे दिल्ली और उसके आसपास प्री-मानसून वर्षा शुरू हो गई है। ओडिशा तट से दूर उत्तर पश्चिम बंगाल की खाड़ी (बीओबी) पर भी एक चक्रवाती परिसंचरण चिह्नित है। जिसके कल 28 जून को ओडिशा, झारखंड और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में अंतर्देशीय दिशा में बढ़ने की संभावना है। पूर्व-पश्चिम ट्रफ़ के भी विस्तारित होकर इस परिसंचरण में शामिल हो सकता है। बीओबी परिसंचरण की गति से भारत-गंगा के मैदानी इलाकों में पूर्वी प्रवाह मजबूत होगा। अगले 24 घंटों में दिल्ली क्षेत्र के आसपास परिसंचरण तेज रूपरेखा के साथ और अधिक व्यवस्थित हो जाएगा।
इस दिन आ रहा मानसून: दिल्ली/एनसीआर के आसपास चक्रवाती परिसंचरण कम से कम 48 घंटों तक बना रहेगा। पूर्व-पश्चिम ट्रफ़ और इस चक्रवाती परिसंचरण के प्रभाव से दिल्ली और उपनगरों में 29 और 30 जून(सप्ताहांत) को भारी बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने की संभावना है। इस दौरान निचले इलाकों, सड़कों और गलियों में पानी भर सकता है। तेज हवाओं, बिजली चमकने और तेज गरज के साथ दक्षिण-पश्चिम मानसून 29 जून को दिल्ली में प्रवेश करेगा। 01 जुलाई से शहर और आसपास के क्षेत्रों में मानसून की बारिश कम तीव्रता के साथ होती रहेगी। बारिश लगभग एक सप्ताह तक जारी रह सकती है, जिससे दिल्लीवासियों को गर्मी से काफी राहत मिलेगी।