देश के दक्षिणी हिस्सों में अप्रैल और मई की शुरुआत में लंबे समय तक शुष्क और गर्म मौसम रहा था। आंध्रप्रदेश का रायलसीमा क्षेत्र कई दिनों तक लगातार सबसे गर्म क्षेत्र बना रहा। अनंतपुर, कुरनूल, कडप्पा और नंद्याल में कई दिनों तक लगातार 45 डिग्री सेल्सियस से अधिक तापमान दर्ज किया गया। वहीं, इन क्षेत्रों में 6 मई के आसपास प्री-मानसून तूफान शुरु हुआ जो अभी तक जारी है। अगले एक सप्ताह तक और बारिश होने का अनुमान है।
भारी बारिश के बाद तापमान कम: दक्षिण भारत के आंतरिक भागों पर प्री-मानसून ट्रफ़, एक अर्ध-स्थायी विशेषता, अप्रैल महीने में सुस्त रही थी। यह ट्रफ रेखा मई के पहले सप्ताह के आसपास तेलंगाना से लेकर तमिलनाडु और केरल के अंदरूनी इलाकों तक सक्रिय हो गई है। जिसके कारण हैदराबाद, बेंगलुरु, मैसूरु, अनंतपुर, मदुरै, कोचीन और तिरुवनंतपुरम जैसे शहरों में अच्छी बारिश हुई। तब से गर्मी की लहर कम हो गई है और अंदरुनी हिस्सों में पारे का स्तर 40 डिग्री सेल्सियस से कम दर्ज किया गया है।
बारिश होने पर नहीं चलेगी लू: वहीं, दक्षिणी भागों में मौसम की सक्रियता कम से कम एक सप्ताह तक जारी रहने की संभावना है। प्रायद्वीपीय भारत(दक्षिण भारत) के पश्चिमी हिस्से में बाकी हिस्सों की तुलना में मौसमी गतिविधि बढ़ जाएगी। बता दें, कर्नाटक और केरल राज्य में बारिश तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश से ज्यादा होगी। वहीं, उत्तर-दक्षिण ट्रफ रेखा तेलंगाना से केरल तक, कर्नाटक, रायलसीमा और तमिलनाडु को काटते हुए फैलेगी। इस ट्रफ में एक अन्तर्निहित चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। 12 और 13 मई को कर्नाटक में मौसम गतिविधि का प्रसार और तीव्रता बढ़ जाएगी। केरल राज्य में 15 से 17 मई के बीच बारिश बढ़ेगी। इस अवधि के दौरान दक्षिण भारत में कोई लू चलने की संभावना नहीं है।