भारत के बड़े हिस्से में प्री-मॉनसून गतिविधि बढ़ रही है, जिससे चिलचिलाती तापमान से काफी राहत मिल रही है। पिछले दो दिनों में, मध्य प्रदेश और विदर्भ के कुछ हिस्सों में तेज़ हवाओं के साथ भारी बारिश और ओलावृष्टि भी हुई।
मौसम प्रणालियों के संयोजन के कारण यह सक्रिय मौसम पैटर्न जारी रहेगा। सौराष्ट्र और कच्छ के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण, पश्चिमी हिमालय के पास एक पश्चिमी विक्षोभ और पाकिस्तान के पास एक और चक्रवाती परिसंचरण है। जो राजस्थान के कुछ हिस्सों को प्रभावित करेगा।
उसके प्रभाव से मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान में कई स्थानों पर बारिश के साथ तेज हवाओं की उम्मीद है। पश्चिमी हिमालय क्षेत्र में 13 से 15 अप्रैल के बीच गरज, बिजली, तेज़ हवाओं के साथ हल्की से मध्यम बारिश और बर्फबारी की उम्मीद की जा सकती है।
इस बीच उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और दिल्ली सहित उत्तर पश्चिम भारत में 13 से 15 अप्रैल तक बारिश और गरज के साथ बिजली की चमक, धूल भरी आंधी और ओलावृष्टि की संभावना है। हालांकि, देश के बाकी हिस्सों में बारिश हल्की ही होगी।
लेकिन, अगले 48 घंटों में गंगीय पश्चिम बंगाल, झारखंड, ओडिशा, बिहार, अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में छिटपुट बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ने का अनुमान है। यहां तक कि आंतरिक कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु और तेलंगाना के कुछ हिस्सों में भी हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद की जा सकती है।
यह प्री-मानसून गतिविधि मौसम में बदलाव का एक अच्छा संकेत है।जिससे तापमान में कमी आएगी और गर्मी से राहत मिलेगी। हालाँकि, तेज़ हवाएँ, बारिश और ओलावृष्टि संभावित रूप से उत्तर-पश्चिम और मध्य क्षेत्रों में खड़ी फसलों को नुकसान पहुँचा सकती हैं। किसानों को अपनी कृषि उपज की सुरक्षा के लिए आवश्यक सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है।