देश के मध्य भागों में बहुत जल्द बेमौसम मौसमी गतिविधि का एक और दौर आने की संभावना है। इन भागों में फरवरी की शुरुआत में भी इसी तरह की गतिविधि देखी गई थी। पिछली बार बेमौसमी गतिविधि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ से होते हुए उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल तक पहुंच गई थी। मौजूदा दौर पिछले दौर जितना लंबा नहीं होगा और मुख्य रूप से केंद्रीय राज्यों तक ही सीमित रहेगा।
इन विशेषताओं के कारण बेमौसम गतिविधि: 24 फरवरी को तेलंगाना, विदर्भ और दक्षिण छत्तीसगढ़ क्षेत्र में पवन विच्छेदन(wind discontinuity ) की एक बहुत ही असामान्य विशेषता बनने की संभावना है। बाद में एक चक्रवाती परिसंचरण भी इस विशेषता में शामिल हो सकता है, साथ ही आंतरिक कर्नाटक में दक्षिण की ओर ट्रफ का विस्तार भी हो सकता है। बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक प्रतिचक्रवात नम हवाओं को बढ़ावा देगा और इस बेमौसम मौसम गतिविधि के लिए मुख्य ट्रिगर होगा।
इन क्षेत्रों में होगी बारिश: 24 और 25 फरवरी को मौसम की गतिविधियां हल्की और छिटपुट भी रहेंगी। इसकी शुरुआत 24 फरवरी को तेलंगाना, दक्षिण छत्तीसगढ़ और पड़ोसी ओडिशा के कुछ हिस्सों से हो सकती है। अगले दिन 25 फरवरी को इसका विस्तार विदर्भ और मध्य प्रदेश तथा छत्तीसगढ़ के कुछ हिस्सों तक हो जाएगा। मौसम की गतिविधि तीव्रता में चरम पर होगी और 26 और 27 फरवरी को फैल जाएगी।
तेज हवाओं के साथ ओलावृष्टि: 26 फरवरी को यह अधिक होगी और दक्षिण व पूर्वी मध्यप्रदेश, उत्तरी छत्तीसगढ़, झारखंड राज्य को कवर करेगी। 26 फरवरी को कुछ स्थानों पर बिजली, तेज़ हवाएँ और ओलावृष्टि हो सकती है। 27 फरवरी को यह मौसम गतिविधि हल्के तौर पर दक्षिणपूर्व उत्तर प्रदेश और पश्चिम बिहार के कुछ हिस्सों तक पहुंच जाएगी।