जैसा कि अनुमान था, पिछले 24 घंटों में गुजरात के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई है। मध्य गुजरात के अहमदाबाद, गांधीनगर, आणंद, वल्लभ विद्यानगर और सौराष्ट्र के अमरेली और जूनागढ़ में भारी बारिश हुई है। सुरेंद्रनगर, कांडला और भुज में भी मध्यम बारिश दर्ज की गई है। अगले 3 दिनों में गुजरात के अधिकांश हिस्सों खासकर सौराष्ट्र और कच्छ में बारिश का प्रसार और तीव्रता बढ़ने की संभावना है। बाढ़ की बारिश से सामान्य जनजीवन और कनेक्टिविटी बाधित हो सकती है।
इन दो क्षेत्रों में भारी बारिश: गुजरात में मानसून की सक्रियता को जोरदार स्थितियों तक बढ़ाने के लिए कई कारक एक साथ मिल रहे हैं। दक्षिण-पश्चिम पाकिस्तान पर एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है और अरब सागर से नम हवाओं को खींचने में मदद कर रहा है। साथ ही दक्षिणी ओडिशा और आसपास के क्षेत्र पर कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है। यह प्रणाली राज्य के समुद्र तट पर मानसूनी पश्चिमी हवाओं को मजबूत कर रही है। फिर भी एक अन्य ट्रिगर पूर्व-पश्चिम उन्मुख कतरनी क्षेत्र(शियर जोन) है, जो लगभग 20° उत्तर में गुजरात के करीब है। मौसम प्रणाली की ये विशेषताएं मिलकर काम कर रही हैं और एक-दूसरे की सराहना करते हुए मानसून गतिविधि को बढ़ा रही हैं। हालांकि, गुजरात के सभी हिस्सों में मौसम की गतिविधियां एक समान नहीं रहेंगी। सौराष्ट्र और राज्य का आधा पश्चिमी हिस्से में दूसरों की तुलना में ज्यादा बारिश होगी।
आगे के दिनों में गुजरात का मौसम: आज(16 जुलाई) सुरेंद्रनगर, राजकोट, मोरबी और बोटाद में भारी वर्षा होने की संभावना है। अहमदाबाद, गांधीनगर, बड़ौदा और आनंद में भी मध्यम बारिश हो सकती है। कल 17 जुलाई को बारिश का प्रसार बढ़ेगा। जामनगर, खंबालिया, ओखा, द्वारका, पोरबंदर, सोमनाथ, दीव, ऊना, वेरावल और भावनगर सहित सौराष्ट्र के पूरे समुद्र तट पर बहुत भारी बारिश होगी।
इन इलाकों में भारी बारिश: उत्तर गुजरात के साबरकांठा, अरावली, पालनपुर, मेहसाणा और खेड़ा जैसे हिस्सों में भी मध्यम से भारी बारिश होने का खतरा रहेगा। अगले दो दिन 18 और 19 जुलाई को, गंभीर मौसम गतिविधि बड़े पैमाने पर जामनगर, पोरबंदर, ओखा, राजकोट, कांडला, भुज, नलिया और लखपत को कवर करेगी। 20 जुलाई और उसके बाद के दिनों में बारिश की स्थिति सामान्य हो जाएगी। 16 से 19 जुलाई के बीच गुजरात के बाकी हिस्सों में मध्यम बारिश होने के आसार हैं।