पिछले कुछ दिनों के दौरान तमिलनाडु के तटीय जिलों में भारी से अति भारी बारिश की गतिविधियां देखी गई हैं। एक निम्न दबाव का क्षेत्र तमिलनाडु के दक्षिणी तटों पर बना हुआ है जिसके प्रभाव से उत्तर पूर्वी दिशा से नम हवाएं आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु को प्रभावित कर रही हैं। अगले 2 दिनों के दौरान कटिया आंध्र प्रदेश सहित तमिलनाडु के कई जिलों में भारी बारिश हो सकती है।
एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र दक्षिणी अंडमान सागर के ऊपर बना हुआ है। इसके प्रभाव से अगले 24 घंटों के दौरान इस जगह पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बन सकता है। यह निम्न दबाव का क्षेत्र और अधिक शक्तिशाली होकर डिप्रेशन में तब्दील हो सकता है। यह पश्चिम उत्तरपश्चिम दिशा में आगे बढ़ते 3 दिसंबर तक उत्तरी आंध्र प्रदेश या दक्षिणी ओडिशा के तट के आसपास पहुंच सकता है। इसके गहरे डिप्रेशन में बदलने की संभावना नजर आ रही है। परंतु यह समुद्री तूफान में बदलेगा या नहीं यह कह पाना अभी मुश्किल है। यदि यह समुद्री तूफान में बदलता है तो इसका नाम जोवाद होगा। 2 दिसंबर से 5 दिसंबर के बीच उत्तरी आंध्र प्रदेश के टच के साथ-साथ उड़ीसा पश्चिम बंगाल के तटीय भागों में भारी वर्षा हो सकती है। समुद्र में ऊंची लहरें उठेंगी तथा साथ ही हवाओं की रफ्तार भी बहुत अधिक होगी। हवाओं की रफ्तार 60 से 70 किलोमीटर प्रति घंटा हो सकती हैं कुछ स्थानों पर 80 से 90 किलोमीटर की रफ्तार से भी हवाओं के चलने की संभावना है। 3 दिसंबर से 5 दिसंबर के बीच मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वह समुद्र में न जाएं तथा एहतियात बरतें। स्काईमेट वेदर सिस्टम के ऊपर नजर रखे हुए हैं तथा समय-समय पर बारे में जानकारी देती रहेगी।