लगभग दो सप्ताह के बाद एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ कल 17 फरवरी को पश्चिमी हिमालय की ओर आ रहा है। एक अन्य प्रणाली भी आ सकती है, जो ओवरलैप करते हुए पहाड़ों पर मौसम की गतिविध को 5-6 दिनों तक बढ़ा देगी। एक प्रेरित चक्रवाती परिसंचरण भी सीमा पार जाकर पंजाब, उत्तरी राजस्थान और हरियाणा पर जाकर स्थापित होगा। लेकिन, 48 घंटों के अंतराल के बाद। पश्चिमी विक्षोभ और परिसंचरण मौसम गतिविधि की गति बढ़ाने के लिए एक-दूसरे की मदद करेंगे। कल से पहाड़ों पर शुरू होने वाली मौसमी गतिविधि( बर्फबारी और बारिश) अगले सप्ताह के मध्य तक जारी रहेगी।
इस मौसम में उत्तरी पहाड़ियों पर जितनी उम्मीद थी उतनी बारिश औऱ बर्फबारी नहीं हुई है। इस मौसमी कमी ने पर्यटन, साहसिक कार्य, जल प्रबंधन, फसल, खेल और पारिस्थितिक संतुलन सहित कई मोर्चों पर असर डाला है। अब होने वाली बारिश औऱ बर्फबारी इस सब परेशानियों को कम करेगी। 17 फरवरी को शुरुआत में पहाड़ों पर हल्की बर्फबारी होगी। इसके बाद फैलाव और तीव्रता बढ़ेगी, जिससे 18, 19 और 20 फरवरी को भारी बर्फबारी की संभावना है। लेकिन, 19 फरवरी को मौसम गतिविधि अपने पीक पर होगी।
इसके बाद 21 फरवरी से मौमस की गतिविधि कम होनी शुरू हो जाएगी, हालांकि 22 फरवरी को भी बारिश और बर्फबारी जारी रहेगी। इसका बचा हुआ असर अगले दो दिनों में भी देखने को मिलेगा। जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश में दो दिन, 18 और 19 फरवरी को भारी मौसम गतिविधि होगी। उत्तराखंड राज्य में 19 फरवरी को इसी तरह की उग्र गतिविधि(बारिश, बर्फबारी, हवा, ओलावृष्टि) होगी, अन्य दिन थोड़ी हल्की रहेगी।
पर्यटकों के पसंदीदा सभी बर्फीले स्थानों पर बर्फ की सफेद चादर छा जाएगी। वहीं, श्रीनगर, पहलगाम, गुलमर्ग, मनाली, डलहौजी और शिमला के लोकप्रिय रिसॉर्ट्स में ताजा और हल्की बर्फबारी होने की उम्मीद है। 12,000' से अधिक ऊंची चोटियों पर पहाड़ी राज्यों में व्यापक बर्फबारी होगी। निचली पहाड़ियों में बिजली गिरने के साथ तूफान और ओलावृष्टि होगी।
उत्तर भारत के मैदानी इलाकों और तलहटी इलाकों में 19 फरवरी से सर्दियों की बारिश शुरू हो जाएगी। पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में 19 से 21 फरवरी के बीच काफी व्यापक बारिश और गरज के साथ बौछारें पड़ेंगी। कुछ स्थानों पर ओले गिरने की भी बहुत संभावना है। 22 फरवरी से मौसम की गतिविधियां कम होने लगेंगी। 23 फरवरी और उसके बाद बादल छटने की उम्मीद है।
मौसम प्रणाली के गुजरने के बाद सर्दी की ठंड फिर से लौट आएगी। पूरे क्षेत्र में पारा गिरकर एकल अंक में आ जाएगा। दिन का तापमान फिर से बढ़कर बीस के मध्य में पहुंच जाएगा। दिल्ली समेत कुछ हिस्सों में हल्का कोहरा भी लौट सकता है। बर्फ से ढके पहाड़ों की ढलानों से चलने वाली ठंडी हवाएँ निश्चित रूप से सर्दियों के स्वाद को महीने के अंत तक बढ़ा देंगी।