दक्षिण प्रायद्वीप के सभी पांच मौसम उप-मंडलों में पूर्वोत्तर मानसून की अच्छी बारिश हुई है। तमिलनाडु, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक और रायलसीमा में अत्यधिक बारिश हुई है। जबकि केरल और तटीय आंध्र प्रदेश में सामान्य से बेहतर बारिश दर्ज की गई है। अगले तीन दिनों में और अधिक बारिश होने की उम्मीद है और उसके बाद कुछ दिनों के लिए बारिश रुक जाएगी।
पूर्वोत्तर मानसून को सक्रिय रखने वाले कारक: पूर्वोत्तर मानसून को सक्रिय बनाए रखने के लिए कई कारक एक साथ काम कर रहे हैं। पूर्वी-मध्य अरब सागर में कर्नाटक और गोवा के तट के पास एक चक्रवाती परिसंचरण बना हुआ है। दूसरा परिसंचरण तमिलनाडु और उससे सटे बंगाल की खाड़ी के क्षेत्र में स्थित है। इसके अलावा दक्षिणी प्रायद्वीप( दक्षिण भारत) के आंतरिक भागों में एक उत्तर-दक्षिण ट्रफ भी फैली हुई है, जो उत्तरी आंतरिक कर्नाटक, रायलसीमा, दक्षिणी आंतरिक कर्नाटक और तमिलनाडु के आंतरिक हिस्सों से होकर गुजर रही है। ये सभी कारक मिलकर अगले तीन दिनों तक पूर्वोत्तर मानसून की अच्छी गतिविधि(बारिश, हवाएं) को बढ़ावा देंगे।
चक्रवात के कारण बारिश में विराम: बंगाल की खाड़ी के उत्तरी हिस्सों में एक चक्रवाती तूफान विकसित हो रहा है। इसके तेज होते ही यह मानसूनी धारा और संबंधित मौसम गतिविधि को उत्तरी बंगाल की खाड़ी, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और आस-पास के क्षेत्रों की ओर खींच लेगा। तब पूर्वोत्तर मानसून के तहत आने वाले उप-विभागों में मौसम की गतिविधियों में कुछ समय के लिए ठहराव आ जाएगा। वहीं, अगले तीन दिनों तक इस क्षेत्र में मध्यम बारिश और गरज के साथ बारिश की उम्मीद की जा सकती है, जबकि 25 से 28 अक्टूबर के बीच बारिश की गतिविधियों में कमी आ सकती है।
अगले 3 दिनों में इन क्षेत्रों में बारिश: बेंगलुरु, मैसूरु, मंड्या, चित्रदुर्ग, हसन, अनंतपुर, कुर्नूल, चित्तूर, मदुरै, तंजावुर, त्रिची, कोडाईकनाल और केरल की सीमा से सटे तमिलनाडु के आंतरिक हिस्सों में अगले तीन दिनों में व्यापक रूप से मध्यम से तेज बारिश और गरज के साथ बारिश की संभावना है। 25 अक्टूबर से मौसम गतिविधियों की तीव्रता और विस्तार में कमी आएगी और 26 से 28 अक्टूबर के बीच बारिश बहुत ही न्यूनतम रह जाएगी।