पूर्वोत्तर मानसून अब तक संतोषजनक रहा है। सभी पाँच उप-मंडलों तमिलनाडु, केरल, तटीय आंध्र प्रदेश, रायलसीमा, दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में या तो सामान्य या अधिक बारिश हुई है। दक्षिण आंतरिक कर्नाटक सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला क्षेत्र रहा है, जहाँ 74% अधिक वर्षा हुई है, इसके बाद रायलसीमा में 62% अधिक वर्षा हुई है। केरल में सबसे कम वर्षा दर्ज की गई है, जहाँ 16% की कमी है।
अच्छी बारिश के बाद मानसून कमजोर: पिछले सप्ताह 21 से 25 अक्टूबर के बीच मानसून की वर्षा अच्छी रही। इसके बाद उत्तरी बंगाल की खाड़ी में चक्रवात ‘दाना’ के बनने और आगे बढ़ने से दक्षिण प्रायद्वीप में मानसून की धारा नरम हो गई। जिससे बारिश ओडिशा और पश्चिम बंगाल की ओर शिफ्ट हो गई। इस पूरे क्षेत्र में लगातार चौथे दिन यानी कल तक( 28 अक्टूबर) तक धीमी गति से बारिश जारी रही। मौसम की ऐसी स्थिति 31 अक्टूबर तक जारी रह सकती है और बाद में इसमें कुछ तेजी आने की संभावना है।
भारतीय समुद्रों में कोई सक्रिय मौसम प्रणाली नहीं: भारतीय समुद्र के दोनों ओर तटरेखा पर कोई सक्रिय मौसम प्रणाली नहीं है। एक कमजोर चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण ओडिशा और उत्तर तटीय आंध्र प्रदेश में मध्यम स्तर तक स्थित है। एक अन्य परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम अरब सागर में है, जो दक्षिण प्रायद्वीप में मौसम गतिविधि के लिए असरदार नहीं है। ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और बिहार में अगले तीन दिनों में हल्की से मध्यम वर्षा होने की संभावना है।
आगे के दिनों में मौसम: 1 से 7 नवंबर के बीच श्रीलंका के पास पाक जलडमरूमध्य और मन्नार की खाड़ी के निकट दो चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है, जो क्रमिक रूप से कोमोरिन और मालदीव क्षेत्र में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ेंगे। इससे दक्षिण प्रायद्वीप (दक्षिण भारत) में छिटपुट बारिश और गरज-चमक के साथ बौछारें पड़ेंगी। हालांकि, लंबे समय तक भारी वर्षा की संभावना नहीं है। इस दौरान केरल और तमिलनाडु के अंदरूनी हिस्सों में बारिश तेज होने के साथ फैल जाएगी। रायलसीमा और दक्षिण आंतरिक कर्नाटक में हल्की से मध्यम और रुक-रुक कर बारिश होगी।