जेट धाराएँ पृथ्वी के वायुमंडल में तेज गति से चलने वाली, छोटे कोर, वाली घुमावदार वायु धाराएँ हैं। इनका एक भाग सर्दियों के मौसम में उत्तर भारत में पश्चिमी जेट स्ट्रीम 200 किमी/घंटा से अधिक की तेज़ हवाओं के साथ प्रबल होती है। ये आम तौर पर वायुमंडल में उच्च स्तर पर देखी जाती है। एक दूसरे तरह की जेट स्ट्रीम है जिसे लोकप्रिय रूप से 'नोक्टर्नल जेट' कहा जाता है। यह वायुमंडल के निचले स्तरों में और सर्दियों के दौरान उत्तर भारत में दिखाई देती है। नोक्टर्नल (रात्रि) जेट सुबह के समय सबसे मजबूत होती है और दिन के समय कम हो जाती है। आमतौर पर इन्हे जमीनी स्तर से 2000 और 5000 के बीच देखा जाता है।
रात्रिचर(नोक्टर्नल) जेट स्ट्रीम दबाव के उतार चढ़ाव के कारण बनती है। सूर्यास्त के बाद जमीन के पास हवा का तापमान गिर जाता है, इसीलिए नोक्टर्नल जेल स्ट्रीम रात भर चलती है और एक उल्टी परत बन जाती है। आम तौर पर, हवा का तापमान ऊंचाई के साथ गिरता है लेकिन उल्टी परत (inversion layer) के भीतर, तापमान ऊंचाई के साथ बढ़ता है। यदि आस-पास के किसी अन्य एयर पार्सल में ठंडी ऊंची हवा का एक पूल है, तो मौजूद दबाव के उतार-चढ़ाव को ट्रिगर करने की स्थिति बन जाती हैं। यह अंतर दबाव वायुमंडल की निचली परतों में तेज़ हवाओं के रूप में सामने आता है। इस गति का असर सबसे निचली परतों में और जमीन के पास होता है। लेकिन, पृथ्वी की सीमा परत में घर्षण प्रभाव को कारण कम हो जाता है।
पंजाब, हरियाणा, उत्तरी राजस्थान, दिल्ली और उत्तर प्रदेश के पड़ोसी क्षेत्रों के कई हिस्सों में इसी तरह की स्थिति बनी हुई है। ठंड का कारक बढ़ गया है और ऐसा महसूस हो रहा है कि सुबह के समय तापमान सामान्य से बहुत कम हो गया है। आज कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान लगभग 5°C या उससे कम दर्ज किया गया है। पठानकोट में 4.6, जालंधर में 4.5, फिरोजपुर में 4.2, पटियाला में 5.0, करनाल में 4.2, पंचकुला में 5.8, दिल्ली में 6.9 डिग्री सेल्सियस तापमान रिकॉर्ड हुआ है. यह स्टेशन उन जगहों में से हैं जहां तापमान सामान्य से 3-4 डिग्री सेल्सियस नीचे दर्ज किया जा रहा है। बता दे, इन क्षेत्रों में 4 डिग्री सेल्सियस का न्यूनतम तापमान शीतलहर की स्थिति के बराबर है।
राष्ट्रीय राजधानी सहित उत्तरी मैदानी इलाकों में अगले दो दिनों तक तेज़ निचले स्तर की पश्चिमी हवाएँ चलने की उम्मीद है। सुबह के समय सर्दी की ठंडक में किसी भी तरह की कमी आने की संभावना नहीं है। हां, दिन चढ़ने के साथ अच्छी धूप निकलने पर मौसम की स्थिति ठीक हो जाएंगी। उत्तरी मैदानी इलाकों और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में अगले एक सप्ताह या उससे भी अधिक समय तक बारिश नहीं होगी। उत्तर भारत के कई स्थानों पर न्यूनतम तापमान मामूली गिरावट के साथ 4 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है। इन क्षेत्रो के कुछ हिस्सों में शीतलहर की स्थिति जल्द खत्म होने की संभावना नहीं है।