अगस्त के अंत तक दिल्ली में भारी बारिश नहीं, हल्की बौछारों की संभावना

August 20, 2024 10:30 AM | Skymet Weather Team

राजधानी दिल्ली में पिछले सप्ताह के अंत में अच्छी मानसूनी गतिविधियां देखी गईं। शनिवार और रविवार के साथ ही सोमवार को रक्षाबंधन के दिन भी मौसम शांत रहा। दिल्ली में ऐसा मौसम रहने की उम्मीद पहले से थी। इसी तरह का मौसम इस सप्ताह भी जारी रहेगा। गौरतलब है, दिल्ली में पहले ही बारिश का मासिक कोटा पूरा हो गया है। अब दिल्ली में होने वाली बारिश की गतिविधि बोनस होगी।

दिल्ली में अच्छी मानसूनी बारिश: दिल्ली में अगस्त के पहले आधे हिस्से में (पहले 15 दिनों में) लंबे समय तक मानसून की सक्रियता देखी गई, जिस कारण लगातार बारिश हुई। सक्रिय मानसून का कारण दिल्ली के पास मानसून ट्रफ बने रहने और पूर्वोत्तर राजस्थान में लगातार बन रहे चक्रवाती परिसंचरण हैं। इस दौरान आधार वेधशाला सफदरजंग ने अपने मासिक वर्षा लक्ष्य 233.1 मिमी को आसानी से पार कर लिया। बता दें, पिछले लगभग एक दशक में  कई बार दिल्ली को सबसे अधिक बारिश वाले महीनों में मासिक वर्षा लक्ष्य को हासिल करने में संघर्ष करना पड़ा है।

मानसून ट्रफ का प्रभाव: मानसून ट्रफ मौसमी गतिविधि का मुख्य कारण है। वैसे अपनी सामान्य स्थिति में भी ट्रफ रेखा दिल्ली के करीब बनी रहती है। ट्रफ का उत्तर-दक्षिण दिशा में हिलना ही मौसम गतिविधियों को ट्रिगर करता है। सतह पर मानसून ट्रफ की स्थिति, जिसकी अक्सर ट्रफ की लोकेशन को चिन्हित करते समय चर्चा होती है, वास्तव में ज्यादा महत्व नहीं रखती। लगभग 3,000 फीट की ऊंचाई तक घर्षण बल काफी प्रभावी होते हैं। इसलिए, 5,000 फीट या उससे ऊपर के स्तर पर ट्रफ की स्थिति मौसम गतिविधियों को समझने के लिए ज्यादा जरुरी होती है।

वर्तमान मौसम की स्थिति: वर्तमान में पर मानसून ट्रफ दिल्ली के उत्तर की ओर शिफ्ट हो गई है, हालांकि ट्रफ बहुत दूर नहीं है। फिर भी दिल्ली में अगले एक सप्ताह में किसी भी बड़ी गतिविधि(भारी बारिश) की संभावना नहीं है, मौसम की ऐसी स्थिति अगस्त के अंत तक भी बढ़ सकती है। चक्रवाती परिसंचरण से जुड़ा हुआ एक मानसून निम्न दबाव दक्षिण बांग्लादेश और गंगीय पश्चिम बंगाल पर चिह्नित है। पिछले कुछ दिनों से इस क्षेत्र में निचला क्षेत्र घूम रहा है। इसके धीरे-धीरे पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने और 48 घंटों के बाद पूर्वी राज्यों में आने की संभावना है। इसके बाद यह पश्चिम की ओर बढ़ेगा और 23-24 अगस्त को मध्य प्रदेश और आसपास पहुंचेगा। यह वह समय होगा जब मानसून ट्रफ दक्षिण की ओर शिफ्ट हो जाएगा। उस समय मौसम की गतिविधियों में मामूली बढ़ोतरी हो सकती है। जैसे ही यह प्रणाली राजस्थान और गुजरात के ऊपर तेजी से पश्चिम की ओर बढ़ेगी, मानसून ट्रफ दिल्ली के दक्षिण में दूर तक स्थानांतरित हो जाएगी। इस स्थिति से एक बार फिर दिल्ली और उपनगरों में मौसम गतिविधि तेज हो सकती है। अगस्त के अंत तक दिल्ली/एनसीआर को हल्की मौसमी गतिविधियों से जूझना पड़ेगा।

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