राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में इस बार न्यू ईयर ईव पर सर्द हवाएं चलने की संभावना है। बारिश होने के कोई आसा नहीं हैं, जिससे नए साल के जश्न में रूकावट नहीं होगी। हालांकि, खुले में ठंड और तेज हवाएं असहनीय हो सकती हैं, इसलिए मोटे और गर्म कपड़ें पहनें। लेकिन, अगर चारों तरफ से बंद एरिया में है तो, ठंडे मौसम कम महसूस होगा। वहीं, देर रात कोहरा और धुंध छाने की संभावना है, जिससे जश्न के बाद वाहन चलाते समय सावधानी बरतनी होगी।
27 दिसंबर ठंडा दिन और रिकॉर्ड तोड़ बारिश: दिल्ली में 27 दिसंबर को पिछले 5 वर्षों में सबसे कम अधिकतम तापमान 15°C दर्ज किया। यह इस सीजन का पहला ठंडा दिन था, जब न्यूनतम तापमान 10°C से कम और अधिकतम तापमान सामान्य से 5°C नीचे रहा। वहीं, इस दिन 41 मिमी बारिश हुई, जो पिछले 101 सालों में दिसंबर के किसी एक दिन में सबसे ज्यादा बारिश थी। सफदरजंग स्थित आधार वेधशाला ने महीने के दौरान औसत 9.4 मिमी के मुकाबले कुल 53.5 मिमी वर्षा दर्ज की है। 1984 में दिसंबर के महीने में 134.4 मिमी बारिश का सर्वकालिक रिकॉर्ड है।
पश्चिमी विक्षोभ का प्रभाव और ठंडी हवाएं: सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ पहले ही पहाड़ी क्षेत्रों से गुजर चुका है। 27 दिसंबर को मैदानी इलाकों में भारी सर्दी की बारिश हुई, जिसका असर 28 दिसंबर को भी देखा गया। वहीं, अब एक और पश्चिमी विक्षोभ की जोड़ी जल्द ही आने की संभावना है। 1 से 5 जनवरी 2025 तक पहाड़ी राज्यों में मौसम गतिविधियां जारी रहेंगी और यह अगले हफ्ते तक बढ़ सकती हैं। हालांकि, यह बारिश और बर्फबारी पहाड़ी क्षेत्रों तक ही सीमित रहेगी और मैदानी इलाकों पर इसका असर नहीं होगा। जिस कारण दिल्ली में भी शुष्क और ठंडा सप्ताह रहेगा।
पश्चिमी विक्षोभ का असर और बारिश: पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से पहाड़ों में तापमान में तेज गिरावट नहीं आएगी। हालांकि, इस दौरान एक प्रेरित प्रणाली (Induced System) मैदानी क्षेत्रों में विकसित हो सकती है। इस प्रणाली के कारण अगले सप्ताह की शुरुआत में मैदानी इलाकों में हल्की सर्दी की बारिश शुरु होने की उम्मीद है। हालांकि, यह बारिश पिछले बार की तरह व्यापक नहीं होगी, फिर भी दिल्ली में कुछ बूंदाबांदी की संभावना बनी रहेगी।