इस सप्ताहांत के आसपास बंगाल की खाड़ी (बीओबी) पर एक ताजा चक्रवाती परिसंचरण बनने की संभावना है। पिछली दो मौसम प्रणालियों के विपरीत, जिन्होंने पूर्वी और उत्तरी भागों में मानसूनी बारिश को सक्रिय किया, यह नई प्रणाली मौसम की गतिविधियों (बारिश, आँधी, तेज हवाएं, बिजली चमकना) को देश के मध्य भागों तक ले जाएगी। पूर्वी तट से लेकर पश्चिमी तट तक, मध्य राज्यों के बड़े हिस्से में अच्छी बारिश होने की संभावना है। इस महीने के आखिरी सप्ताह में मौसम की हलचल करीब 6-7 दिनों तक रह सकती है।
20 सितंबर से पूर्व-पश्चिम ट्रफ बनने की संभावना: 20 सितंबर तक बीच बंगाल की खाड़ी में एक व्यापक पूर्व-पश्चिम ट्रफ बनने की संभावना है। यह ट्रफ अगले दिन चक्रवातीय परिसंचरण (cyclonic circulation) में बदल सकता है। परिसंचरण 22 सितंबर को और अधिक व्यवस्थित हो जाएगा और तट के करीब आ जाएगा। वहीं, 23 सितंबर को एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है, जो अगले दिन 24 सितंबर को जमीन की तरफ चलेगा। यह मौसम प्रणाली पश्चिम दिशा की ओर बढ़ेगी और ओडिशा तट से लेकर गुजरात और कोंकण तक के बड़े हिस्से को पार करेगी।
21 सितंबर से बारिश की शुरुआत: मौसम की गतिविधियाँ 21 सितंबर से शुरू होंगी और 22-23 सितंबर को इनकी तीव्रता और दायरा बढ़ेगा। 24 और 25 सितंबर को बारिश की गति बढ़ेगी और इसका प्रभाव अधिक क्षेत्रों में फैल जाएगा। 26 और 27 सितंबर तक बारिश और भी अधिक तीव्र होगी और इसका कवरेज बढ़ेगा, जिससे मौसम की स्थिति वीकेंड से पहले ही काफी बदल जाएगी।
इन 7 राज्यों में बारिश: मौसम मॉडल की सटीकता 4-5 दिनों के बाद कम हो जाती है, इसलिए मौसम पूर्वानुमान (भविष्यवाणी) की समीक्षा करने की जरूरत हो सकती है। यदि सब कुछ ठीक रहता है, तो मौसम की गतिविधि(बारिश) ओडिशा, आंध्र प्रदेश, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, तेलंगाना और गुजरात राज्यों को कवर करेगी। इसके अलावा कर्नाटक के कुछ हिस्सों और पश्चिमी राजस्थान के बाहरी हिस्सों में भी बारिश का असर हो सकता है। आमतौर पर दक्षिण-पश्चिम मानसून 30 सितंबर तक गुजरात, पूर्वी राजस्थान और पश्चिम व उत्तर एमपी के बड़े हिस्सों से वापस चला जाता है, लेकिन इस बार यह अक्टूबर तक जारी रह सकता है।