प्राकृतिक आपदा लेकर आए चक्रवाती तूफान निवार से हाल ही में उबरे तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के तमाम क्षेत्रों पर भीषण बारिश देने के लिए एक नया मौसमी सिस्टम बंगाल की खाड़ी में उभर चुका है। इस समय यह मौसमी सिस्टम दक्षिण पूर्वी बंगाल की खाड़ी और इससे सटे अंडमान सागर पर है। इससे पहले हिंद महासागर क्षेत्र में भूमध्य रेखा के पास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र विकसित हुआ था। यही सिस्टम निरंतर अनुकूल मौसमी स्थिति के बीच प्रभावी हुआ जिससे यह अब निम्न दबाव का क्षेत्र बना है और आगामी चौबीस घंटों के दौरान यह और सशक्त बनेगा।
उम्मीद है कि 24 घंटों में डिप्रेशन और उसके अगले 24 घंटों में डीप डिप्रेशन की क्षमता में आ जाएगा। यह सिस्टम तूफान बनेगा या नहीं अभी इसको लेकर संदेह है, लेकिन डीप डिप्रेशन तूफान से एक कदम की दूरी पर रहने वाला सिस्टम होता है, इसके चलते भी पूर्वी तटीय भागों में खासतौर पर तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश के इलाकों पर, जहां इसके तटों से टकराने की संभावना है, उन भागों में 70 से 90 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने और भीषण वर्षा होने की आशंका रहेगी।
वर्तमान मौसमी स्थितियों के आधार पर और मौसम से जुड़े मॉडल से मिल रहे आंकड़ों के आधार पर मौसम वैज्ञानिक यह अनुमान लगा रहे हैं कि यह भी चक्रवाती तूफान निवार के नक्शे कदम पर आगे बढ़ेगा। स्काईमेट के मौसम वैज्ञानिकों का भी मानना है कि वर्तमान मौसमी स्थितियों के आधार पर इस सिस्टम के पश्चिमी और उत्तर पश्चिमी दिशा में जाने की संभावना है और 2 तथा 3 दिसंबर की समय सीमा के बीच पुदुचेरी तथा तमिलनाडु के आसपास लैंडफॉल कर सकता है। इसके चलते 1 दिसंबर से लेकर 3 दिसंबर तक तमिलनाडु के तटीय और उत्तरी भागों तथा दक्षिणी आंध्र प्रदेश और रायलसीमा क्षेत्र में भीषण वर्षा हो सकती है। बारिश के चलते व्यापक रूप में नुकसान होने की आशंका है।
समुद्र में भी हलचल बढ़ जाएगी इसलिए 30 नवंबर से लेकर कम से कम 3 दिसंबर तक समुद्र में किसी भी तरह की गतिविधि को स्थगित करने का सुझाव है। उस दौरान तटीय इलाकों पर ऊंची ऊंची समुद्री लहरें उठ सकती हैं जिससे जान और माल के नुकसान की आशंका बढ़ जाती है। इसलिए एहतियात के तौर पर समुद्र से आगामी चार-पांच दिनों के दौरान दूर रहने की सलाह दी जाती है।